जेलों की दुर्दशा को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर कोर्ट ने महाधिवक्ता को पक्ष रखने को कहा

कहा, चीफ सेक्रेटरी भी कोर्ट में रहें मौजूद

जेलों की दुर्दशा को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर कोर्ट ने महाधिवक्ता को पक्ष रखने को कहा

प्रयागराज, 08 सितम्बर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में जेलों की दशा सुधारने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सरकार की तरफ से पक्ष न रख सुनवाई टालने के अनुरोध को गम्भीरता से लिया है और कहा है सरकार इस मुद्दे पर गम्भीर नहीं दिखाई दे रही।

कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 27 सितम्बर को महाधिवक्ता को सरकार का पक्ष रखने के लिए बुलाया है और कहा है कि मुख्य सचिव सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहें। कोर्ट ने महानिबंधक को आदेश की प्रति प्रदेश के मुख्य सचिव को प्रेषित करने का निर्देश दिया है।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर की खंडपीठ ने बच्चे लाल की जनहित याचिका सहित अन्य याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। सुनवाई शुरू होते ही अपर शासकीय अधिवक्ता जय नारायण ने कोर्ट से सुनवाई स्थगित करने का यह कहते हुए अनुरोध किया कि जिन्हें बहस करना है उनमें से कोई सरकारी अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित नहीं है। इसलिए सुनवाई आज के लिए टाल दी जाय। इसे कोर्ट ने गम्भीरता से लिया है। याचिका प्रदेश के जेलों में जरुरी सुधार को लेकर दाखिल की गई है