अक्षय तृतीया पर विंध्यवासिनी के दर्शन को उमड़े आस्थावान, गूंजे जयकारे
गंगा स्नान कर श्रद्धालुओं ने विधिवत की पूजा-अर्चना
मीरजापुर, 03 मई । अक्षय तृतीया तिथि पर मां विंध्यवासिनी देवी के दर्शन-पूजन के लिए मंगलवार को आस्थावानों को सैलाब उमड़ पड़ा। आदि शक्ति मां विंध्यवासिनी देवी के दरबार में माता की एक झलक पाने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचे थे। भोर की मंगला आरती के बाद जैसे ही भक्तों के लिए गर्भ गृह का पट खोला गया, माता के जयकारे की गूंज चारों ओर सुनाई देने लगी।
मां के दरबार में सुबह से देर शाम तक भक्तों का आना जारी रहा। इससे पूर्व गंगा घाटों पर आस्थावानों ने डुबकी भी लगाई। गंगा स्नान करने के बाद विंध्य दरबार में पहुंचे नर-नारियों ने विधिवत दर्शन-पूजन कर मंगल कामना की। घंटा, घड़ियाल, शंख व पहाड़ा वाली के जयकारे से पूरा क्षेत्र देवीमय हो रहा था। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद देवी धाम पहुंचे। अड़हुल, गुलाब व तरह-तरह के पुष्पों के आलावा रजतमणि आभूषणों से माता का भव्य श्रृंगार किया गया था। मां का दर्शन पाकर भक्त भाव विभोर हो उठे। किसी ने झांकी से तो किसी ने गर्भगृह में जाकर दर्शन पूजन किया। भक्तों ने मंदिर के ऊपर गुंबद व हवन कुंड की परिक्रमा की। साथ ही भक्तों ने महाकाली, मां दुर्गा, पंचमुखी महादेव, मां सरस्वती देवी, मां शीतला, महालक्ष्मी, दक्षिण मुखी हनुमान, राधा कृष्ण, अन्नपूर्णा देवी, बटुक भैरव मंदिर में शीश नवाया।
मंदिर की छत पर हुआ यज्ञोपवीत संस्कार
अक्षय तृतीया पर्व पर मां विंध्यवासिनी मंदिर की छत पर श्रद्धालुओं ने यज्ञोपवीत संस्कार पूर्ण किया। मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन मुंडन, जनेऊ आदि शुभ संस्कार कराए जा सकते हैं। इस शुभ दिन का लोगों को बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है।