मुख्यमंत्री ने पल्स पोलियो अभियान का किया शुभारंभ

पोलियो का उन्मूलन होने तक सार्थक प्रयास जरूरीः आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री ने पल्स पोलियो अभियान का किया शुभारंभ

गोरखपुर, 20 मार्च। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर जिला महिला अस्पताल के सामने स्थित परिसर में पांच बच्चों को पोलियोरोधी ड्राप पिलाकर पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ किया। आदित्यनाथ ने कहा कि पोलियो का उन्मूलन होने तक हमें सार्थक प्रयास करते रहना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ भारत अभियान, सशक्त भारत अभियान का हिस्सा है। इसे लेकर सभी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों और आमजन को सरकार के कार्यक्रमों से जुड़ना होगा। सब लोग एकसाथ सामूहिकता के भाव से जब जुड़ेंगे तो इसके सार्थक परिणाम आएंगे। सामूहिकता के भाव से ही हमने 40 साल तक मासूमों पर कहर बरपाने वाली इंसेफेलाइटिस पर पूरी तरह नियंत्रण पाया है। इंसेफेलाइटिस पर नकेल कसने में स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभागों के सामूहिक प्रयास, प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय और मजबूत हुए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा योगदान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीमारी संक्रामक होने के नाते जब तक वायरस दुनिया से समाप्त नहीं हो जाता, खतरा बना रहता है। इसलिए पूरी दुनिया में पोलियो उन्मूलन होने तक हमें सार्थक प्रयास करते रहना होगा। उन्होंने कहा कि जरा सोचिए, पोलियो की चपेट में जो बच्चे जिंदगीभर के लिए स्थाई विकलांगता के शिकार हो जाते हैं, उनके एवं उनके परिवारों पर क्या बीतती होगी। इसलिए सरकार पोलियो उन्मूलन अभियान को तब तक जारी रखेगी जब तक पूरी दुनिया से यह बीमारी खत्म नहीं हो जाती।

योगी ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के तहत प्रदेश में पांच वर्ष तक के 3.80 करोड़ बच्चों को दो बूंद जिंदगी की (पोलियोरोधी ड्राप) पिलाई जाएगी। इतने बच्चों को बीमारी से सुरक्षा कवर देने के लिए 1.10 लाख बूथ बनाए गए हैं, साथ ही 76 हजार सचल टीमें लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के अलावा बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए मिशन इंद्रधनुष भी चलाया जा रहा है। मासूमों को पूरा टीकाकरण कवरेज समय पर देना होगा। यह हरेक बच्चे का अधिकार है, तो हम सभी का दायित्व भी है। उन्होंने धर्मगुरुओं, जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों एवं समाज के प्रमुख लोगों से पल्स पोलियो अभियान में योगदान देने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने इंसेफेलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण का श्रेय अंतर विभागीय समन्वयन की ताकत को देते हुए पल्स पोलियो अभियान एवं अन्य कार्यक्रमों में भी इसकी आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40 वर्षों में 50 हजार मासूम इंसेफेलाइटिस की चपेट में आकर असमय काल कवलित हो गए थे। हमने चार साल में इसके उपचार एवं संपूर्ण उन्मूलन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए। इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौत के आंकड़े 95 फीसद तक नियंत्रण में हैं। अब इसके संपूर्ण उन्मूलन का अवसर है। इंसेफेलाइटिस पर नकेल कसने में स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभागों के सामूहिक प्रयास, प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय और मजबूत हुए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा योगदान है।