नाबालिग पुत्री से दुष्कर्म व गर्भपात कराने के दोषी को उम्रकैद
नाबालिग पुत्री से दुष्कर्म व गर्भपात कराने के दोषी को उम्रकैद
सोनभद्र, 26 नवंबर (हि.स.)। करीब दो वर्ष पूर्व नाबालिग बेटी के साथ हुए दुष्कर्म और दवा खिलाकर गर्भपात कराने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह ने मंगलवार को दोषी पिता सुरेश कोल को आजीवन कारावास एवं 3.15 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अर्थदंड की धनराशि में से 2.50 लाख रुपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने शाहगंज थाने में 27 अप्रैल 2023 को तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ उसके पति सुरेश कोल ने करीब 7-8 माह पूर्व दुष्कर्म किया था। जब गर्भ ठहर गया तो इसकी जानकारी उसे हुई तो पति ने मां-बेटी को जान से मारने की धमकी दी, जिससे डर गई और कहीं सूचना नहीं दी। उसने 18 अप्रैल 2023 को जबरन बेटी को गर्भनिरोधक दवा खिला दी, जिससे रात करीब नौ बजे गर्भपात हो गया और मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ। पति ने शव काे झाड़ी में फेंक दिया। पति व समाज के डर से उसने कहीं सूचना नहीं दी, जिसका नतीजा यह रहा कि 26 अप्रैल 2023 को दोपहर तीन बजे बेटी को घर में अकेला पाकर फिर दुष्कर्म किया। इस तहरीर पर पुलिस ने 27 अप्रैल 2023 को पाक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। विवेचक ने डीएनए टेस्ट रिपोर्ट और मेडिकल रिपोर्ट के साथ ही गवाहों का बयान लेने के बाद पर्याप्त सबूत मिलने पर आराेपित के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 10 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषी सुरेश कोल को उम्रकैद की सजा सुनायी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।