करवाचौथ : सुहागिनों का श्रृंगार देख आसमान का चांद भी हैरान...

करवाचौथ : सुहागिनों का श्रृंगार देख आसमान का चांद भी हैरान...

करवाचौथ : सुहागिनों का श्रृंगार देख आसमान का चांद भी हैरान...

 01 नवम्बर । एक चांद आसमान में रोशन था और दूसरा चेहरे पर मुस्कान समेटे सामने खड़ा था। अवसर था करवाचौथ का। सुहागिनों के हाथ में थी पूजा की सजी हुई थाली। पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद आसमान में चांद का दीदार कर साजन की लंबी आयु के लिए प्रार्थना की और व्रत खोला। पतियों ने भी अर्धांगिनियों को पानी पिलाकर व्रत खुलवाया।

सुहागिनों के पर्व करवाचौथ की रात चंद्रोदय होने पर व्रती महिलाओं के चेहरे खुशी से चमक उठे। सुहागिनों ने पति की लंबी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखा। दिन में चौथ माता की कहानी सुनी और सूर्य को जल अर्पण कर पूजा-अर्चना की। वहीं रात को घर की छत से उदित चंद्रमा को चलनी की ओट से निहारने के बाद मिट्टी के करवा से अर्घ्य प्रदान कर पति के दीर्घायु होने की कामना की। इस दौरान महिलाएं नए परिधान व आभूषणों में सजी नजर आईं।

करवा चौथ व्रत के साथ तमाम धार्मिक मान्याताएं तो जुड़ी ही हैं। इसके अलावा यह पति-पत्नी के अटूट बंधन का प्रतीक भी है। सभी सुहागिनें इस इंतजार में थीं कि कब आकाश में चांद की छटा दिखे और वह अपने प्रियतम के हाथ से पानी और खाने का पहला निवाला खाकर अपना व्रत पूर्ण करें। चांद दिखा तो महिलाओं के चेहरे चमक उठे। करवाचौथ व्रत को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह दिखा। आखिर ये मौका एक बार फिर दुल्हन की तरह श्रृंगार करके अपने पति के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम दिखाने का जो है। वैसे महिलाओं का श्रृंगार देख चांद को भी हैरानी हुई कि धरती पर उसके जैसे लाखों चांद पूरे लावण्य के साथ कैसे खिल रहे हैं। आसमान में चांद दिखने के बाद महिलाओं ने चलनी से चांद को देखा और इसके बाद अपने पति का चेहरा निहारा। पतियों ने पत्नियों को पानी पिलाकर उनका व्रत खोला। अमूमन विवाहित महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखती हैं, लेकिन कुछ कुंवारी युवतियां भी अच्छे पति की मनोकामना के साथ व्रत रखी। इस खुशी के मौके पर महिलाएं घर में कई तरह के पकवान भी बनाईं। करवाचौथ वाले दिन शाम ढलते ही बाजारों में दुकानों के शटर गिरने शुरू हो गए। अन्य दिनों की बजाय बाजार करीब एक घंटा पहले ही बढ़ता नजर आया। सभी को अपने परिवार के साथ त्योहार मनाने की जल्दबाजी थी।


गजरा ने महकाई करवाचौथ

करवाचौथ पर मोबाइल का सबसे अधिक क्रेज रहा। गिफ्ट के तौर पर सुहागिनों के बीच स्मार्टफोन को लेकर चर्चाएं रहीं। अधिकतर ने समयाभाव के चलते ऑनलाइन खरीदारी के लिए इंटरनेट पर ही पसंद करने की छूट दे रखी थी। कुछ ने उपहार के रूप में अपने साथी को ही नजदीक रहने की इच्छा जाहिर की। हालांकि इस दिन फूलों के गजरों का प्रचलन भी अधिक रहा।

इंटरनेट माध्यम से दर्शाई नजदीकियां

हाल-फिलहाल में वैवाहिक बंधन में बंधे जोड़ों में करवाचौथ का बेसब्री से इंतजार होते देखा गया। नव विवाहिता यानि घर का चांद अपने चांद से मिलने के लिए छतों पर बेकरार इधर से उधर चक्कर लगाती देखी गई। इंटरनेट मीडिया पर बुधवार को करवाचौथ ही छाई रही। विवाहित जोड़ों ने दूर रहकर भी इंटरनेट माध्यम से नजदीकियां दर्शाई। अपने दिल की हर बात दूर रहकर भी जीवनसाथी से साझा किया। नवविवाहित जोड़ों ने जोश के साथ गीत-संगीत का जमकर लुत्फ उठाया। एक-दूसरे को उपहार देने का दौर भी चलता रहा।

पति के प्रेम के आगे भूख न प्यास का डर

सोलह श्रृंगार किए सुहागिनों के चेहरे पति का दीदार करने के बाद उल्लास से चमक रहे थे। महिलाएं छत पर बच्चों को भेजकर चांद निकलने की जानकारी पल-पल लेती रहीं। पति के प्रेम के आगे न भूख, न प्यास का डर था। साजन की लंबी उम्र के लिए पूजा-पाठ में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती थीं। सुहागिनों ने व्रत की पूजा-अर्चना करने के बाद अपनी सखी-सहेलियों को सुहागियां बांट पति की दीर्घायु का आशीर्वाद लिया।

शिव-पार्वती की आराधना कर मांगा वरदान

करवा चौथ पर गंगा स्नान के बाद शहर के बाबा बूढ़ेनाथ मंदिर, बरियाघाट के पंचमुखी महादेव मंदिर सहित अन्य मंदिरों में विवाहिताओं ने सज-धजकर पूजा-अर्चना की। साथ ही महिलाओं ने घरों में भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा के बाद करवाचौथ की कथा को सुना और उनसे आशीर्वाद मांगा।