कार्तिक पूर्णिमा : लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी, किया दान पुण्य, दीपदान

कार्तिक पूर्णिमा : लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी, किया दान पुण्य, दीपदान

कार्तिक पूर्णिमा : लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी, किया दान पुण्य, दीपदान

वाराणसी, 19 नवम्बर । कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को धर्म नगरी काशी में श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और गंगा में दीपदान कर दान पुण्य किया। स्नान पर्व के दुर्लभ संयोग कृतिका नक्षत्र में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु तड़के से ही गंगा तट पर पहुंचने लगे। स्नान ध्यान का सिलसिला भोर से चलता रहा।

शहर के प्राचीन दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, अहिल्याबाई घाट,पंचगंगा घाट, अस्सी घाट, केदार घाट, खिड़किया घाट, भैंसासुर घाट पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। श्रद्धालुओं के चलते घाटों पर मेले जैसा दृश्य रहा। जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती गयी थी।

गौरतलब हो कि सनात्तन भारतीय संस्कृति के स्नान पर्वों में कार्तिक पूर्णिमा के स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा,यमुना, गोदावरी आदि पवित्र नदियों में स्नान की महत्ता पुराणों में भी वर्णित है।

इस दिन गंगा स्नान करने से वर्ष भर गंगा स्नान करने बराबर के फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव ने इसी दिन त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का वध किया था। इन्हीं मान्यताओं से ओतप्रोत श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में या तुलसी के समीप दीप जलाने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। श्री हरि स्मरण-आराधना से सूर्य लोक की प्राप्ति होती है। कार्तिकी में स्वर्ण दान करने से ग्रह-योगों के कष्ट नष्ट होते हैं।