वकील की हत्या के विरोध में हाईकोर्ट समेत सभी अदालतों में न्यायिक कार्य रहा ठप
मुकदमों की सुनवाई न होने से वादकारी रहे परेशान
प्रयागराज, 20 अक्टूबर । शाहजहांपुर जिला अदालत में अधिवक्ता की हत्या के विरोध में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट समेत प्रयागराज के जिला अदालत व अन्य अदालतों में वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते न्यायिक काम पूरी तरह ठप रहा।
सुबह से ही हाईकोर्ट में न्यायिक काम बाधित रहा। न्यायाधीश सुबह रोज की भांति अपने अपने अदालतों में बैठे, परन्तु वकीलों के कार्य बहिष्कार के अनुरोध पर वे कोर्ट से उठकर अपने अपने चैम्बरो में वापस चले गये। वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते प्रदेश के सुदूरवर्ती जिलों से आए वादकारियों को निराश होकर वापस जाना पड़ा।
चीफ जस्टिस अपने चीफ जस्टिस कोर्ट में बैठे और लगभग 11 बजे तक कुछ न्यायिक काम किया। इस बीच बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ रहे कुछ वकीलों के अनुरोध को स्वीकार कर मुख्य न्यायाधीश राजेश बिन्दल की बेंच भी उठ गई। वकीलों के कार्य बहिष्कार के अनुरोध पर उठने से पहले चीफ जस्टिस ने कहा कि वकीलों के कार्य करने से बहिष्कार का निर्णय है, न कि जजों का फैसला है। चीफ जस्टिस ने कहा कि मेरी अदालत में यदि कोई व्यक्तिगत रूप से खड़ा होकर बहस करता है तो अदालत उस वकील को सुनने से इन्कार नहीं कर सकती। बाद में चीफ जस्टिस की कोर्ट में उपस्थित वकीलों से कोर्ट से बाहर जाने के अनुरोध के बाद सभी वकील बाहर निकल आए। वकीलों की कोर्ट में गैर मौजूदगी के चलते चीफ जस्टिस ने सभी केसों में अगली तारीख लगा दी।
मालूम हो कि शाहजहांपुर जिला कचहरी परिसर में वकील की हत्या तथा सुरक्षा कानून की मांग में बार काउंसिल के आह्वान पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने आज 20 अक्टूबर को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया था। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की एल्डर कमेटी ने इस आशय का प्रस्ताव पारित किया है।
कमेटी ने मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया था कि अधिवक्ताओं की कोर्ट में गैर मौजूदगी के कारण प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने आपात बैठक कर अदालत में वकील की हत्या करने के घटना की निंदा की थी और वकीलों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। घटना को लेकर प्रदेश व्यापी विरोध कर न्यायिक कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव पारित किया था।