उप्र में हलाल सर्टिफिकेशन पर बैन के खिलाफ याचिकाओं पर जवाब के लिए जमीयत उलेमा ए हिंद को 4 हफ्ते का वक्त
उप्र में हलाल सर्टिफिकेशन पर बैन के खिलाफ याचिकाओं पर जवाब के लिए जमीयत उलेमा ए हिंद को 4 हफ्ते का वक्त
नई दिल्ली, 20 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों पर बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मैं तो यह जानकार हैरान हो गया था और आप भी हैरान हो जाएंगे कि सीमेंट के लिए हलाल सर्टिफिकेट होता है। आटा, बेसन और यहां तक कि पानी की बोतल सब हलाल सर्टिफाइड किया जाता है। इस सर्टिफिकेशन से लाखों करोड़ रुपये की इनकम होती है। इसके लिए कोर्ट ने याचिकाकर्ता जमीयत उलेमा ए हिंद को जवाब दाखिल करने का चार सप्ताह का समय दिया।
चेन्नई के हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और महाराष्ट्र जमीयत उलेमा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों की बिक्री पर रोक और हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली संस्थाओं पर दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई है। याचिका में याचिकाकर्ताओं ने अपने खिलाफ यूपी में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है।
इस मामले मे उत्तर प्रदेश पुलिस ने नवंबर 2023 में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी समेत कई संस्थाओं के खिलाफ फर्जी हलाल सर्टिफिकेट बांटने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। इन पर आर्थिक मुनाफा हासिल करने के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 5 जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था।
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