तीस जून को सेवानिवृत्त आरपीएफ जवानों को वार्षिक वेतन वृद्धि देने का निर्देश
तीस जून को सेवानिवृत्त आरपीएफ जवानों को वार्षिक वेतन वृद्धि देने का निर्देश

- हाई कोर्ट ने रेलवे पर लगाया 50 हजार रुपये का हर्जाना - कोर्ट ने कहा, तीन माह में करें बकाये का भुगतान, पेंशन भी हो पुनरीक्षित - महानिदेशक रेलवे बोर्ड को चेतावनी, भविष्य में विधि सलाह पर ही हलफनामा दाखिल करेंप्रयागराज, 17 मार्च (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि 30 जून को सेवानिवृत्त आरपीएफ जवानों को एक जुलाई को एक वार्षिक वेतन वृद्धि पाने का अधिकार है।कोर्ट ने विभिन्न वर्षों में सेवानिवृत्त 12 याचियों को एक वार्षिक नोशनल वेतन वृद्धि (नोशनल इंक्रीमेंट) देकर 1 मई 23 से तीन माह के भीतर बकाये का भुगतान करने तथा इंक्रीमेंट जोडकर पेंशन को पुनरीक्षित कर पेंशन का भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि आदेश प्राप्ति तिथि से तीन माह की अवधि शुरू होगी।कोर्ट ने आदेश की प्रति सचिव रेलवे मंत्रालय नई दिल्ली, महानिदेशक आर पी एफ रेलवे बोर्ड नई दिल्ली, महाप्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर, प्रमुख वित्त सलाहकार/मुख्य लेखा अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर को अनुपालनार्थ भेजने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने महानिदेशक रेलवे बोर्ड नई दिल्ली मनोज यादव को चेतावनी देते हुए कहा है कि भविष्य में विधिक सलाह से ही हलफनामा दाखिल करें। अपनी मर्जी से कुछ भी हलफनामा दाखिल न करें। उनके द्वारा दाखिल हलफनामे के दो पैराग्राफ को कोर्ट ने अवमाननाकारी माना किंतु कोई कार्रवाई करने के बजाय चेतावनी देकर छोड़ दिया है। किंतु रेलवे पर 50 हजार रूपए हर्जाना लगाया है और कहा है कि याचीगण को हर्जाने का भुगतान किया जाए।यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने आर के प्रसाद व 11 अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचियों का कहना था कि याचीगण विभिन्न वर्षों में 30 जून को सेवानिवृत्त हुए है। नियमानुसार एक जुलाई को एक वार्षिक वेतन वृद्धि दी जानी चाहिए थी। किंतु विभाग ने नहीं दी। जिस पर याचिका दायर की गई।कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के तमाम फैसलों का परिशीलन करते हुए कहा कि 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को एक जुलाई को वार्षिक वेतन वृद्धि पाने का हक है। याचीगण नोशनल इंक्रीमेंट पाने के हकदार हैं।