प्रयागराज: गंगा नदी हमारे देश व संस्कृति की पहचान - मण्डलायुक्त

अतुल्य गंगा परिक्रमा पदयात्रा का समापन

प्रयागराज: गंगा नदी हमारे देश व संस्कृति की पहचान - मण्डलायुक्त

प्रयागराज, 24 जून। अतुल्य गंगा परिक्रमा पदयात्रा के समापन अवसर पर सर्किट हाउस में मण्डलायुक्त ने पदयात्रियों को सम्मानित करने के उपरान्त कहा कि गंगा नदी हमारे देश व हमारी संस्कृति की पहचान है, साथ ही अमूल्य धरोहर भी है। जीवनदायिनी, गंगा भारत की संस्कृति, आध्यात्मिक चिंतन, जलवायु और अर्थव्यवस्था पर अपनी अमिट छाप छोड़ती है।

 

मण्डलायुक्त संजय गोयल ने कहा कि इस पदयात्रा से देश में गंगा सहित सभी नदियों के लिए व पर्यावरण संरक्षण के साथ ही सहभागिता भी बढ़ेगी। उन्होंने अतुल्य गंगा परिक्रमा से जुड़े लोगों को साधुवाद व बधाई दी। कहा कि हमें गंगा को निर्मल बनाने के लिए जिन-जिन प्रदेशों से गंगाजी गुजरती है, वहां के ग्राम पंचायतों के साथ ही वहां के युवाओं को इस अभियान के साथ जोड़े। उन्होंने इस तरह के कार्यक्रम से युवकों के जुड़ने का आवाहन किया। कहा कि पदयात्रा में गंगा के किनारों पर कराये गये वृक्षारोपण का कार्य प्रशंसनीय है। आईजी केपी सिंह ने भी पदयात्रा में शामिल लोगों को बधाई दी। 

उल्लेखनीय है कि गंगा को निर्मल बनाने में लोगों की जागरूकता व सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रयागराज से 16 दिसम्बर, 2020 को प्रयागराज से गंगोत्री व गंगोत्री से प्रयागराज के लिए शुरू की गयी अतुल्य गंगा परिक्रमा पदयात्रा 23 जून, 2021 को 190 दिन में 5530 किमी की यात्रा पूरी करते हुए प्रयागराज में समाप्त हुई।

इस उपलक्ष्य में सर्किट हाउस में आयोजित कार्यक्रम में पदयात्रा पूरी करने वाले व वृक्षमाल से जुड़े लोगो को मण्डलायुक्त संजय गोयल व आईजी कविन्द्र प्रताप सिंह ने अतुल्य गंगा परिक्रमा पदयात्रा को पूरा करने वाले रोहित जाट एवं शगुन त्यागी को सम्मानित किया। साथ ही यात्रा में वृक्षारोपण से सम्बंधित कालेश्वर मिश्रा एवं नितिन रंजन सहित पदयात्रा से जुड़े सभी लोगो को शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे कर्नल मनोज केश्वर ने प्रजेंटेशन के माध्यम से इस यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी दी।