चचेरी बहन से दुराचार की घटना सामाजिक ढांचे को ध्वस्त करने वाला : हाईकोर्ट
आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इंकार
प्रयागराज, 29 नवम्बर । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपनी ही चचेरी बहन (कजिन) के साथ दुराचार के आरोप में सजा पाये पीलीभीत के देवेश को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है।
कोर्ट ने कहा दुराचार का आरोपी और पीड़िता दोनों चचेरे भाई-बहन हैं। ऐसा अपराध सामाजिक फेब्रिक ध्वस्त करने वाला है। रेप पीड़िता बहन ने इस घटना के बाद बच्चे को जन्म दिया है। जिसका डीएनए आरोपी अपीलार्थी से मैच करता है। अभियोजन को पीड़िता ने समर्थन किया है। कोर्ट ने कहा मेरी राय में आरोपी जमानत पाने का हकदार नहीं हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति ए.के ओझा ने जमानत अर्जी आरोप चचेरे भाई देवेश की जमानत की मांग को खारिज करते हुए दिया है। आरोपी का कहना था कि उसने दुराचार नहीं किया है। अदालत ने सबूतों का सही परिशीलन नहीं किया है। चश्मदीद गवाहों के बयान कानून की नजर में स्वीकार करने योग्य नहीं है। पीड़िता घटना के समय बालिग थी।
दोनों एक ही परिवार के है। दोनों का डीएनए समान है। इसलिए डीएनए रिपोर्ट के आधार पर दोषी मान लेना सही नहीं है। सरकारी वकील का कहना था कि अपराध गम्भीर है। ऐसे आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए।