मैथिलीशरण गुप्त की जन्म जयंती पर ई-पुस्तकालय का लोकार्पण एवं ‘कवि सम्मेलन’

आज का युग डिजिटलाइजेशन का, हर हाथ में फोन व गूगल : जितेन्द्र कुमार

मैथिलीशरण गुप्त की जन्म जयंती पर ई-पुस्तकालय का लोकार्पण एवं ‘कवि सम्मेलन’

प्रयागराज, 03 अगस्त । हिन्दुस्तानी एकेडेमी के तत्वावधान में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जन्म जयंती ‘कवि-दिवस’ पर गुरुवार को ई-पुस्तकालय का लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जितेन्द्र कुमार ने कहा कि आज का युग डिजिटलाइजेशन का युग है। आज हर एक के हाथ में फोन और गूगल है। जिससे हर जानकारी प्राप्त हो रही है। पहले पुस्तकालयों में भीड़ होती थी। आज पाठक नहीं नसीब होते हैं।

अपर मुख्य सचिव (भाषा) एवं कार्यकारी अध्यक्ष हिन्दुस्तानी एकेडेमी जितेन्द्र कुमार ने कहा कि आज के युग में अगर बदलते परिवेश के साथ हमने स्वयं को नहींं बदला तो हम पीछे छूट जायेंगे। एकेडेमी के ई-पुस्तकालय की परिकल्पना इसी का परिणाम है। एकेडेमी ने लगभग 25,000 पुस्तकों को डिजिटलाइज्ड कर पाठको के सम्मुख प्रस्तुत कर दिया है। भाषा के समस्त संस्थाओं की पुस्तकालयों को इन्टर कनेक्ट करने का काम शीघ्र करेंगे।

एकेडेमी के सचिव देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा हिन्दुस्तानी एकेडेमी ने 1987 में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जन्म शताब्दी के अवसर पर उनके जन्म दिवस 03 अगस्त को ‘कवि दिवस’ के रूप में घोषित करने का निर्णय लिया। जिसके फलस्वरूप उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने 26 अप्रैल 1987 को मैथिलीशरण गुप्त की स्मृति में प्रतिवर्ष 03 अगस्त को कवि-दिवस के रूप में आयोजित किए जाने की घोषणा की। तभी से प्रतिवर्ष ‘कवि-दिवस’ का आयोजन एकेडेमी द्वारा किया जाने लगा।



इसके पूर्व हिन्दुस्तानी एकेडेमी पुस्तकालय की बहु प्रतिक्षित ई-पुस्तकालय का लोकार्पण मुख्य अतिथि ने किया। तत्पश्चात कवि सम्मेलन का शुभारम्भ हुआ। मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों ने पुस्तकालय के डिजिटलाइजेशन में उत्कृष्ट योगदान के दृष्टिगत एकेडेमी के पूर्व सचिव अजय कुमार सिंह एवं पायल सिंह का सम्मानित किया गया।

कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि यश मालवीय तथा संचालन डॉ. श्लेष गौतम ने किया। कवि सम्मेलन में कवियो ने कविता के सभी रसों से सराबोर किया तथा समाज की विसंगतियों पर प्रहार करते हुए कविताएं सुनायी। विशेषकर सामाजिक सरोकारों से रुबरु होते हुए रचनाकारों ने रचनाओं में विविध रंग उड़ेले जिनका रसास्वादन करके श्रोता भाव विभोर हो गये। अंत में एकेडेमी के कोषाध्यक्ष दुर्गेश कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस अवसर पर डॉ. शान्ति चौधरी, डॉ. सरोज सिंह, डॉ. आभा त्रिपाठी, रविनंदन सिंह, जनकवि प्रकाश, शाम्भवी, डॉ. संजय सिंह आदि उपस्थित रहे।