रहेंगे होशियर तो कभी नहीं बनेंगे साइबर अपराधियों के शिकार

साइबर अपराध के सम्बन्ध में 1930 पर तत्काल सूचित करें

रहेंगे होशियर तो कभी नहीं बनेंगे साइबर अपराधियों के शिकार

लखनऊ, 03 अगस्त । त्योहारों के समय साइबर अपराधी और भी सजग हो जाते हैं और लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए कोई भी मौका नहीं छोड़ते। इन साइबर अपराधियों के कहीं आप शिकार न हो जाए, इसलिए सावधानी बरतना बेहद बेहद जरूरी है। अगर आप होशियार रहेंगे तो साइबर अपराधियों के बुने मकड़जाल में कभी नहीं फंसेंगे। अगर कही कोई भी व्यक्ति साइबर अपराधियों का शिकार हो भी जाता है तो इसकी शिकायत तत्काल 1930 नम्बर पर कर पुलिस की सहायता ले सकता है।

पुलिस की सक्रियता और गश्ती के चलते अब अपराधियों ने भी अपना काम करने का तरीका बदल लिया है। चोरी और लूट की घटनाओं को न कर अब अपराधी साइबर अपराध करना बिल्कुल सुरक्षित समझते हैं। इसी वजह से अब अपराधी साइबर अपराध करते हुए किसी को भी बड़ी आसानी से बेवकूफ बनाकर वारदात को अंजाम देते हैं और पकड़े भी नहीं जाते। त्योहारों के सीजन में यह अपराधी और भी सजग हो जाते हैं। ऐसे में यूपी पुलिस लोगों से अपील करती है कि सोशल मीडिया से जुड़े लोग सतर्क रहे। उनके पास आने वाले लिंक को कतई न खोलें और किसी से साझा भी न करें।

लालच की वजह से होते हैं शिकार

उत्तर प्रदेश की साइबर क्राइम सेल के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम छपने की शर्त पर बताया कि अक्सर यह देखा जाता है कि लोग लालच की वजह से साइबर अपराध के शिकार होते हैं। अगर कोई व्यक्ति आपको किसी प्रकार का प्रलोभन देता है तो पहले उसका पता लगाए आखिरकार वह ऐसा क्यों कर रहा है। इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है, लेकिन लोग बिना कुछ सोचे समझे अंजान नंबर से कॉल करने वाले व्यक्ति को एकांउट से संबंधित अपनी पूरी जानकारी दे देते हैं। अपराधी इसी का फायदा उठाकर बड़ी आसानी से उन्हें अपना शिकार बना लेते हैं।

लुभावने गिफ्ट और लॉटरी का देते हैं लालच

उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी अब प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम से एक फर्जी लिंक बनाकर लोगों के लिंक भेजते है। इसमें बताते है कि उनकी लॉटरी लगी और कंपनी की ओर से उन्हें एक अच्छा उपहार या फिर कैश पैसे दिए जायेंगे। इसके बाद वे यह भी बताते हैं कि इस लिंक पर दिए गए निर्देश का पालन करते रहें। बाद में लिंक खुल जाता है तो एक शर्त रहती है कि उपहार तब मिलेगा जब यह लिंक अपने जानने वालों को भेजेंगे। इससे साइबर अपराधी आपका व्यक्तिगत डेटा चुरा लेते हैं और स्कैमर्स इकट्ठा कर डार्क वेब पर बेचते हैं, जो आपके विरुद्ध ठगी करने में भविष्य में प्रयोग किया जा सकता है। अपराधी कई नम्बरों से फोन कर बताते हैं कि उनकी लॉटरी लग गई । खाता, आधार कार्ड और मोबाइल पर आये ओटीपी नम्बर पूछकर पैसा उड़ा दे रहे हैं।

सावधी बरतना ही साइबर अपराध से बचने का सबसे अच्छा तरीका

अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि इंटरनेट मीडिया का उपयोग सावधानी से करने को लेकर जागरूक किया जा रहा है। लोगों से अपील है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति से अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। साथ ही किसी भी तरह के लालच में आकर ओटीपी या किसी भी तरह का एप डाउनलोड न करें। इंटरनेट मीडिया से मोबाइल आने वाले लिंक को टच भी नहीं करें। जागरूक रहें और अनावश्यक रूप से इंटरनेट मीडिया का उपयोग करने से बचें। अपने दोस्तों से संदेश के रूप में प्राप्त लिंक तथा सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों, ई-मेल आदि पर प्राप्त लिंकों पर क्लिक करते समय सावधानी बरतें। यह एक मालिसियस लिंक हो सकता है जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी को कॉम्प्रोमाइज़ कर सकता है।