आईआईटी कानपुर ने तैयार किया सांसों की संजीवनी 'आक्सीराइज'
कोरोना मरीजों को कम कीमत पर मिलेगी आक्सीजन, बोतल का दिया गया है आकार
कानपुर, 15 जुलाई । वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए कानपुर आईआईटी बराबर नये-नये शोध करने के साथ तकनीक को इजाद कर रहा है। इन सबके बावजूद कोरोना की दूसरी लहर में बहुत से लोग आक्सीजन के आभाव में दम तोड़ दिये। अभी कोरोना काल पूरी तरह से खत्म हुआ ही नहीं और तीसरी लहर आने की संभावना है। इसको देखते हुए कानपुर आईआईटी ने ऐसी तकनीक का इजाद किया है, जिसे आसानी से अपने साथ रखकर मरीज आक्सीजन की कमी से बाहर निकल सकता है। इस तकनीक का नाम है आक्सीराइज, जो बोतल के आकार का है और इसे अगर सांसों की संजीवनी कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
कोरोना से निपटने के लिए कानपुर आईआईटी ने सबसे पहले एन 95 मास्क का इजाद किया और इसके बाद भी कई प्रकार के मास्क और सेनिटाइजरों को तकनीक के जरिये इजाद किया गया। इन सबके बावजूद कोरोना की दूसरी लहर देशवासियों के लिए बहुत घातक साबित हुई। देश के महान वैज्ञानिक अभी भी आशंका जाहिर कर रहे हैं कि अभी भी तीसरी लहर की पूरी संभावना है। इसको लेकर कानपुर आईआईटी अभी से तैयारियां तेज कर दी और कोरोना मरीजों को आक्सीजन की समस्या न हो इसके लिए आक्सीराइज नाम का संयंत्र इजाद किया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि सैनिटाइजर के साथ ही आक्सीराइज को भी जेब में लेकर चला जा सकता है। यही नहीं बोतल के आकार का आक्सीराइज करीब 10 लीटर आक्सीजन मरीज को दे सकेगा। आईआईटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कोरोना काल में मरीजों के लिए सांसों की संजीवनी साबित होगी।
खरीद सकेगा साधारण व्यक्ति
आईआईटी के डा. संदीप पाटिल ने बताया कि हमने ऑक्सीराइज नाम की बोतल बनाई है, जिसमें 10 लीटर ऑक्सीजन की गैस को स्टोर किया जा सकता है। इस बोतल की कीमत महज 499 रुपये रखी गई है, ताकि साधारण व्यक्ति भी खरीद सके।
इसे आनलाइन भी खरीदा जा सकेगा। बताया कि इसकी खासियत ये है कि किसी की तबियत बिगड़ने पर उसे इस बोतल के जरिए ऑक्सीजन के कुछ शॉट्स देकर अस्पताल तक ले जाया जा सकता है।