साइन सिटी कम्पनी का फ्राड मामला संतोषजनक नहीं: हाईकोर्ट

लचर विवेचना पर हाईकोर्ट नाराज, ईडी के सहायक निदेशक, ईडब्ल्यूओ के महानिदेशक व सचिव गृह तलब, कोर्ट ने मांगी सफाई

साइन सिटी कम्पनी का फ्राड मामला संतोषजनक नहीं: हाईकोर्ट

प्रयागराज, 30 मई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 237 करोड़ से अधिक के साइन सिटी कंपनी फ्राड मामले में दर्ज 284 एफआईआर की ईडी व अन्य एजेंसियों द्वारा की जा रही विवेचना को संतोषजनक नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर विवेचना शुरू हुई किन्तु पिछले 16 माह में करोड़ों के इस घोटाला में कोई प्रगति नहीं हुई।

कोर्ट ने विवेचना अधिकारी ईडी के सहायक निदेशक को रिकॉर्ड सहित तलब किया है। साथ ही प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा के महानिदेशक व प्रदेश के गृह सचिव को लचर विवेचना की सफाई के साथ 31मई को दस बजे सुबह कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि विगत 16 महीने में करोड़ों के गंभीर फ्राड की विवेचना में कोई प्रगति क्यों नहीं की गई।

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ तथा न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने श्रीराम राम की आपराधिक याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 31 मई को सुबह दस बजे होगी।

मालूम हो कि अभियुक्तों ने अवैध रूप से एक वेब कंपनी बनाई और कई स्कीमें लांच की। निवेशकों के साथ धोखा होने पर एफआईआर दर्ज की गई मगर इसकी विवेचना लचर रही। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर कुछ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। मुख्य अभियुक्त राशिद नसीम नेपाल में गिरफ्तारी के बाद छूटते ही दुबई भाग गया और वहीं से अपराध का संचालन कर रहा है। रेड कार्नर नोटिस के बाद भी पकड़ कर लाया नहीं जा सका।

कोर्ट ने सीरियस फ्राड इंवेस्टीगेशन आफिस (एस एफ आई ओ) व ईडी को विवेचना सौंपी। प्रदेश की आर्थिक अपराध विंग भी विवेचना में जुटी है। सारे फ्राड 2018 से 2021 तक हुए हैं। नवम्बर 22 मे एस एफ आई ओ ने तीन माह व ई डी ने 40 दिन का समय मांगा, किंतु कोई ठोस नतीजा नहीं आया।

मुख्य अभियुक्त दुबई में बैठा राशिद नसीम राहत फाउंडेशन व भाव्या ब्राडकास्टिंग कंपनी का ट्रस्टी है। इन कंपनियों की कोई जांच नहीं की गई। आर्थिक अपराध विंग ने नसीम की पत्नियों को नोटिस जारी कर शांत हो गई।

कोर्ट ने 21 दिसम्बर 22 को इस बात पर नाराजगी जताई थी कि अधिकारियों को अपराध का पता होने के बावजूद नसीम को दुबई में पासपोर्ट जारी कर दिया गया। जनवरी 23 मे पता चला जिस नसीम का एजेंसियां पता नहीं लगा पा रही, उससे कोर्ट में मौजूद एक महिला मिलकर वापस आ गई है। कोर्ट ने इसे दुखद स्थिति बताया।

सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि विवेचना अधिकारी सांवली प्रसाद अभियुक्तों से मिला पाये जाने पर निलंबित किया गया किंतु हाईकोर्ट ने आदेश रद्द कर दिया।उसे आर्थिक अपराध विंग में ही ज्वाइन कराया गया है। अधिवक्ता एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि अभियुक्त अमिताभ श्रीवास्तव वाराणसी जेल में बंद था।बी वारंट पर लखनऊ लाया गया और इस दौरान मोहनलाल गंज में रजिस्ट्रार आफिस में जाकर 30 हजार वर्गमीटर जमीन पूर्व मंत्री को बैनामा किया। पुलिस की मिलीभगत के बिना ऐसा संभव नहीं था। ऋषभ राज निवेशक के अधिवक्ता ने दुबई का अखबार खलीज टाइम्स पेश कर बताया कि मुख्य अभियुक्त समारोहों में जा रहा है। इस पर कोर्ट नाराज हुई और अधिकारियों को तलब किया है।