महंत नरेंद्र गिरि की मौत सनातन धर्म के लिए महान क्षति : धर्माचार्य रामानुज दास
महंत नरेंद्र गिरि की मौत सनातन धर्म के लिए महान क्षति : धर्माचार्य रामानुज दास
प्रतापगढ़, 20 सितम्बर । प्रयागराज के गंगा-जमुना के पावन संगम तट पर विराजमान लेटे हुए हनुमान जी मंदिर एवं बाघम्बरी मठ के महंथ तथा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महराज आनंद गिरि की सोमवार देरशाम को संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु का समाचार पहुंचते ही जिले में शोक की लहर दौड़ गई।
धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास ने कहा कि जिन परिस्थितियों में महराज का शरीर फांसी के फंदे पर लटकता हुआ पाया गया। इसकी गहन जांच हो और सीबीआई द्वारा इसकी जांच कराई जाए। जो लोग इसमें संलिप्त है वह चाहे जितने भी प्रभावशाली व्यक्ति हों उन्हें कठोर से कठोर सजा अर्थात उन्हें फांसी दी जाए।
इस मामले का निस्तारण माघ मेले के पूर्व किया जाए। सनातन धर्म के तमाम संतों की विगत वर्षों से सुनियोजित हत्या हो रही है जो हमारे सनातन धर्म के लिए अत्यंत ही चिंतनीय और विचारणीय है। ठाकुर जी आत्मा को शांति एवं भक्तों को इस दुख की घड़ी को सहन करने की क्षमता प्रदान करें।