प्रतापगढ़ में बैंक कर्मियों की हड़ताल से ग्राहकों को हुई परेशानी
प्रतापगढ़ में बैंक कर्मियों की हड़ताल से ग्राहकों को हुई परेशानी
प्रतापगढ़, 16 दिसम्बर । सभी राष्ट्रीयकृत बैंक के समस्त अधिकारी व कर्मचारी भारत सरकार की बैंकों के निजीकरण की नीति व अमेंडमेंट बैंकिंग बिल के खिलाफ एकजुट होकर गुरुवार को हड़ताल पर रहे। जिसके चलते ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा और बैंकों में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा।
भगवा की चुंगी स्थित इलाहाबाद फैजाबाद रोड बैंक ऑफ इंडिया के सामने सभी कर्मचारी व अधिकारी एकत्रित होकर सभा व धरना तथा प्रदर्शन किए। सभा को संबोधित करते हुए यूनाइटेड फोरम के संयोजक नरेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि सरकारी बैंकों को निजीकरण करने से न केवल बैंक कर्मचारी प्रभावित होंगे बल्कि समूचे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी। ग्राहकों और नागरिकों को भी इसके दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे। जनता की समस्त जमा पूंजी पर राष्ट्र के कुछ औद्योगिक घरानों का कब्जा हो जाएगा। नि:शुल्क मिलने वाली सुविधाएं बंद हो जाएंगी, सस्ते दरों पर ऋण समाप्त हो जाएगा। शिक्षा ऋण जैसे जनोपयोगी ऋण अत्यंत जटिल हो जाएंगे और आम आदमी की पहुंच से बाहर चले जाएंगे।
बैंक ऑफ इंडिया के सामने एक सभा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता सच्चिदानंद पांडे अध्यक्ष उत्तर प्रदेश बैंक एंप्लाइज यूनियन ने किया। सभा को जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के महामंत्री हेमंत नंदन ओझा, एसबी सिंह बैंक ऑफ बड़ौदा, बीपी त्रिपाठी संरक्षक जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल, संजीव यादव बैंक ऑफ इंडिया ,प्रेम प्रकाश मौर्य केनरा बैंक अमेठी ,प्रेरणा शुक्ला केनरा बैंक, नीलेश दुबे बैंक ऑफ बड़ौदा, अमर सोनी बैंक ऑफ इंडिया, आशीष कुमार सिंह बैंक ऑफ बड़ौदा ऑफिसर एसोसिएशन, कमलेश कुमार पांडे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ,जेबी सिंह नेशनल बैंक, प्रशांत सिंह यूनियन बैंक, विशेष बहादुर श्रीवास्तव ,ज्योति यादव, अभिजीत मनोरंजन सिंह ,अनुराग जायसवाल बैंक ऑफ बड़ौदा ने संबोधित किया ।
वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में कहा कि हड़ताल करने के लिए सरकार के द्वारा मजबूर किया गया है। सरकार ने बजट सत्र में दो बैंकों के निजीकरण करने की घोषणा किया है। बैंक कर्मियों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए 15 मार्च 2021 और 16 मार्च 2021 को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल किया था, लेकिन सरकार बैंक कर्मियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। अंततः यह हड़ताल करने के लिए भी केंद्र सरकार की ओर से बाध्य किया गया है। वक्ताओं ने यह भी कहा कि हम आने वाले दिनों में अगर सरकार की ओर से निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक और अंकुश नहीं लगाया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए भी तैयार हैं।
प्रदर्शन के दौरान बैंक कर्मियों ने बैंक बचाओ -देश बचाओ ,निजीकरण वापस लो, भारत सरकार मुर्दाबाद ,वित्त मंत्री हाय-हाय, बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल वापस लो ,अधिकारी कर्मचारी एकता जिंदाबाद ,यूनाइटेड फोरम जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे और इन नारों की तख्तियां भी लिए थे।