बिना सबूत आपराधिक प्रवृत्ति की महिला बताने वाले डीएसपी तलब

कोर्ट ने एजीए प्रथम को भी बुलाया

बिना सबूत आपराधिक प्रवृत्ति की महिला बताने वाले डीएसपी तलब

प्रयागराज, 09 फरवरी । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की तरफ से जवाबी हलफनामा तैयार करने में लापरवाही बरतने पर कड़ा रुख अपनाया है। कहा कि जवाब लिखाते समय सावधान रहने की बार बार दी गई चेतावनी के बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है।

कोर्ट ने कहा दहेज हत्या मामले में पति व ससुर कोर्ट से बरी हो गए और सास की अग्रिम जमानत अर्जी पर पुलिस उपाधीक्षक सहावर, कासगंज के हलफनामे में लिखा गया है कि याची आपराधिक प्रवृत्ति की महिला है और समर्थन में कोई दस्तावेज दाखिल नहीं किया गया है। कोर्ट ने ऐसी लापरवाही से जवाबी हलफनामा लिखाने वाले अपर शासकीय अधिवक्ता को हाजिर होकर अपने आचरण की सफाई देने का आदेश दिया है।

साथ ही डीएसपी शैलेन्द्र सिंह को रिकॉर्ड सहित बिना दस्तावेज के हलफनामा दाखिल करने पर व्यक्तिगत हलफनामे में सफाई देने के लिए तलब किया है। कोर्ट ने अंतरिम राहत बढ़ाते हुए अर्जी को अगली सुनवाई के लिए 21 फरवरी को पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने महानिबंधक को आदेश की प्रति प्रदेश के महाधिवक्ता, शासकीय अधिवक्ता, प्रमुख सचिव न्याय व डीजीपी को भेजने को कहा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने चानतारा की अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता ने मृतका के पति व ससुर के कोर्ट से बरी होने का आदेश पेश करते हुए अग्रिम जमानत पर रिहा करने की मांग की। कोर्ट ने याची को अंतरिम राहत देते हुए सरकार से जवाब मांगा।



क्षेत्राधिकारी के हलफनामे में कहा गया कि अभियुक्ता आपराधिक प्रवृत्ति की महिला है। किंतु किसी अपराध को लेकर कोई दस्तावेज दाखिल नहीं किया। शेष में याची के कथनों को अस्वीकार किया गया है।

कोर्ट ने कहा अपने अहम की तुष्टि के लिए बिना आधार के याची की भूमिका तय कर दी। कोर्ट ने कहा देश 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह आजादी का अमृत महोत्सव के नाम से मना रहा है। जिसे सरकार ने अमृत काल माना है। सरकार देश के नागरिकों के कल्याण के लिए जुटी है और पुलिस प्रशासन, जो नागरिकों का सुरक्षा तंत्र है, गुलामी काल की मानसिकता में बने रहने को सुविधाजनक मान रही है।

कोर्ट ने कहा हलफनामा लापरवाही से तैयार कराया गया है। कोर्ट कई केसों में जवाबी हलफनामा तैयार करते समय सावधानी बरतने की शासकीय अधिवक्ता व अपर शासकीय अधिवक्ताओं को बार बार चेतावनी दी है। किंतु कोई परिणाम नहीं निकला। कोर्ट ने डीएसपी से पूछा है कि उनके कब्जे में क्या है जिस पर याची को आपराधिक प्रवृत्ति की महिला लिखा है। दस्तावेज व व्यक्तिगत हलफनामे के साथ हाजिर हों। सुनवाई 21 फरवरी को होगी।