कर्मचारी की मृत्यु के 26 साल बाद अनुकम्पा नियुक्ति की अनुमति नहीं : हाईकोर्ट

कर्मचारी की मृत्यु के 26 साल बाद अनुकम्पा नियुक्ति की अनुमति नहीं : हाईकोर्ट

कर्मचारी की मृत्यु के 26 साल बाद अनुकम्पा नियुक्ति की अनुमति नहीं : हाईकोर्ट

प्रयागराज, 02 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि कर्मचारी की मृत्यु के 26 साल बाद अनुकम्पा नियुक्ति की अनुमति नहीं दी जा सकती है।



कोर्ट ने अपनी इस टिप्पणी के साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा बरेली के सहायक महाप्रबंधक और क्षेत्रीय प्रमुख द्वारा जारी आदेश को चुनौती देने वाली रिट याचिका को खारिज कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने अवनीश टंडन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

याची ने बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यरत अपनी मां की मृत्यु के 26 साल बाद अनुकम्पा नियुक्ति की मांग करते हुए रिट याचिका दायर की थी। याची की मां बरेली कॉर्पोरेशन बैंक में कैशियर कम क्लर्क के रूप में कार्यरत थी। इस बैंक का 1999 में बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया था।

याची की ओर से कहा गया कि उसकी मां का निधन 12 नवम्बर 1996 को हो गया था। उस समय याची अवनीश नाबालिग था। अवनीश ने बीकॉम पूरा करने के बाद 2007 में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा उनके दावे पर ध्यान नहीं दिया। 2022 में उन्होंने अपने दावे पर विचार करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

कोर्ट ने कहा कि याची की मां का निधन हुए 26 साल बीत चुके हैं। इतने लंबे समय के दौरान जैसे-जैसे जीवन आगे बढ़ता गया। याची अपने वित्तिय संकट से उबर गया। अब उसे वित्तिय संकट से उबारने के लिए न्यायालय की सहायता की आवश्यकता नहीं है, जिसके लिए परमादेश जारी किया जाए।