राज्यपाल के निर्देश पर मुक्त विवि पहुंचा गांव, जैतवारडीह लिया गोद

राज्यपाल के निर्देश पर मुक्त विवि पहुंचा गांव, जैतवारडीह लिया गोद

राज्यपाल के निर्देश पर मुक्त विवि पहुंचा गांव, जैतवारडीह लिया गोद
प्रयागराज, 23 जून (हि.स.)। राज्यपाल के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज द्वारा गठित हुए महिला अध्ययन केंद्र ने गांव की ओर रुख किया है। महिला अध्ययन केंद्र ने मानविकी विद्या शाखा द्वारा गोद लिए गए सोरांव विकासखंड के जैतवारडीह गांव में आज महिला सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। 
 
कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह के निर्देशन में विश्वविद्यालय की टीम गांव पहुंची। महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक प्रो.रुचि बाजपेयी ने उन्हें बताया कि अब इस गांव में कैम्प लगाकर यहां के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता आदि के लिए सामुदायिक एवं प्रसार कार्यों का आयोजन निरंतर किया जाएगा। इस तरह गांव की महिलाओं से घुल मिल कर उन्होंने उनकी झिझक मिटाई। 
 
 प्रो.बाजपेयी ने कहा कि गांव की महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलम्बन तथा सामाजिक एवं आर्थिक सबलता लाने के लिए उनमें जागरूकता की एक नई मुहिम विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई है। 
 
 उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान महेन्द्र गिरी एवं आशा वर्कर पुष्पा श्रीवास्तव से उनकी राय लेकर स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर विशेष जोर दिया गया। गांव की इंटरमीडिएट पास महिलाओं को विश्वविद्यालय के शैक्षिक एवं रोजगार परक कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गई। 
 
इस अवसर पर मानविकी विद्या शाखा के निदेशक डॉ. सत्यपाल तिवारी ने कहा कि समाज में महिला जागरूकता और बच्चों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के प्रति सजगता अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए जैतवारडीह गांव को गोद लेकर जागरूकता फैलाने का निश्चय किया है। 
 
 इस अवसर पर महिला अध्ययन केन्द्र की सह समन्वयक डॉ. श्रुति एवं डॉ मीरा पाल, डॉ. साधना श्रीवास्तव, प्रो. विनोद कुमार गुप्ता, डॉ. स्मिता अग्रवाल ने विश्वविद्यालय की तरफ से किए जा रहे प्रयासों से गांव वालों को अवगत कराया तथा ग्राम प्रधान से गांव के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए सुझाव मांगे। 
मीडिया प्रभारी डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि कुलपति ने कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर गठित महिला अध्ययन केंद्र द्वारा मानविकी विद्या शाखा के साथ प्रारम्भ किए गए इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने मानविकी विद्या शाखा को अंगीकृत गांव के विकास के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।