मुख्यमंत्री का अखिलेश पर तंज, 'सदन में जमीनी धरातल की बात होती तो अच्छा होता'

हमारा मिशन सत्ता प्राप्ति नहीं, संसदीय भावनाओं का सम्मान करना: योगी

मुख्यमंत्री का अखिलेश पर तंज, 'सदन में जमीनी धरातल की बात होती तो अच्छा होता'

लखनऊ, 27 मई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए सदन को संबोधित किया। उन्होंने सरकार के पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों तथा भावी कार्ययोजना पर प्रकाश डाला।

सदन में अखिलेश यादव के बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष की कुछ बातों पर मुझे आश्चर्य हो रहा था। एक होता है व्यक्ति चुनावी सभाओं में बोलता है। मीठी-मीठी बातें करता है। लेकिन सदन में अगर जमीनी धरातल की बात होती तो बेहतर होता।

शायराना अंदाज में उन्होंने कहा कि "नजर नहीं है, नजारों की बात करते हैं, जमीं पर सितारों की बात करते हैं, वो हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले, भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं"। कहा कि अभिमान तब होता है जब आपको लगता है कि आपने कुछ किया है। और सम्मान तब होता है जब लोग कहें कि आपने कुछ किया है।

इसके पूर्व उन्होंने राज्यपाल को 23 मई को समवेत सदन को संबोधित करने के लिए धन्यवाद दिया। इसके साथ ही विपक्ष के लोगों का चर्चा में शामिल होने तथा नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को भी धन्यवाद दिया।

उत्तर प्रदेश एक नई राह पर हर फील्ड में आगे बढ़ रहा

उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश का कोई नागरिक कहीं जाता है तो सम्मान पाता है। उत्तर प्रदेश एक नई राह पर हर फील्ड में आगे बढ़ रहा है। हम अपने युवाओं को टैबलेट व स्मार्टफोन दिया है। शिवपाल जी ने भी अपने विधनसभा क्षेत्र में टैबलेट और स्मार्टफोन बांटा है। उनको भी धन्यवाद। 12 लाख युवाओं को हम दे चुके हैं। 02 करोड़ युवाओं को देने जा रहे हैं।

हमने पांच लाख सरकारी नौकरी दी, एक पर भी सवाल नहीं

हमने पांच लाख सरकारी नौकरी दी। एक पर भी सवाल नहीं। योग्यता के आधार पर पारदर्शी रीति से चयन हुआ। 01 लाख 61 हजार को निजी क्षेत्र में रोजगार मिला और 60 लाख युवा स्वरोजगार से जुड़े। 2017 के बाद किसी भर्ती में कोई कह नहीं सकता कि धांधली हुई।

37 वर्षों के बाद कोई सरकार फिर से आई

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता जनार्दन ने हम पर भरोसा करते हुए तमाम अफवाहों को दरकिनार कर हमें अपना आशीर्वाद दिया है। 37 वर्षों के बाद कोई सरकार फिर से आई है और धमाकेदार ढंग से अपना काम कर रही है।

सपा पर तंज कसते हुए कहा कि हम जीते तो ठीक, भाजपा जीते तो ईवीएम की गड़बड़ी यह कहना जनता का अपमान है। उत्तर प्रदेश बड़ी आबादी वाला राज्य है। हम ढिंढोरा पीटकर नहीं कहते कि हमने एक्सप्रेस—वे बना दिया, एयर कनेक्टिविटी दे दी। हर सरकार ने कुछ न कुछ प्रयास जरुर किया है। लेकिन आखिर हम क्यों जनता की अकांक्षाओं का प्रतीक नहीं बन रहे थे, आप लोगों को यह सोचना चाहिये।

पश्चिम बंगाल के चुनाव में 242 में से 142 सीटों पर हुई थी हिंसक घटनाएं

उप्र में चुनाव शंतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वेस्ट बंगाल से यहां चुनावों में एक दीदी आईं थी। जबकि उनके अपने राज्य में चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा की घटनाएं हुई 242 में से 142 सीटो पर हिंसक घटनाएं घटी थी। 25 हजार बूथ प्रभावित हुए थे। भाजपा के 10 हजार अधिक कार्यकर्ता शेल्टर होम में जाने को मजबूर हुए थे। 57 लोगों की हत्या हुई थी। 123 महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ। यह सब उस वेस्ट बंगाल में हुआ, जहां की आबादी यूपी की आबादी की आधी है। उत्तर प्रदेश में चुनाव के बाद भी और पहले भी कोई हिंसा नहीं हुईं। क्या यहां भाजपा की सरकार नहीं होती तब भी ऐसा होता? नहीं होता।

हमारा मिशन सत्ता प्राप्ति नहीं, संसदीय भावनाओं का सम्मान करना: योगी

उन्होंने कहा कि हमारा मिशन सत्ता प्राप्ति नहीं, देश है और इसके लिए हमें संसदीय भावनाओं का सम्मान करना होगा। मार्च 2017 में प्रदेश में भाजपा नेतृत्व की सरकार बनी थी। डबल इंजन की सरकार ने डबल ट्रिपल गति से काम किया। ईओडीबी में दूसरे स्थान पर आए, ईज ऑफ लिविंग में शानदार काम हुआ। क्या यह सही नहीं है कि 2017 से पहले दुनिया के सबसे बड़े सिविल पुलिस बल में 1,50,000 पद रिक्त थे। हमने 1,54,000 पुलिस भर्ती की। एक भी भर्ती पर सवाल नहीं। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराई। इसके बाद ट्रेनिंग की क्षमता को तिगुना किया। पैरामिलिट्री, मिलिट्री के ट्रेनिंग सेंटर लिए गए। बीते पांच सालों में व्यापक पुलिस सुधार हुए। यूपीएसएसएफ और एफडीआरएफ का गठन हुआ। रेंज स्तर पर साइबर थाने बने। आईटीएमेस और सेफ सिटी की परियोजना पर काम हुआ। लखनऊ में फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट की कार्यवाही हो रही है।

साजिश के तहत पीएसी की 54 कम्पनियों का बंद किया

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था में कभी पीएसी की बड़ी भूमिका होती थी। लेकिन साजिश के तहत 54 कंपनियां को बंद कर दिया गया। क्या अगर पीएसी होती तो मुजफ्फरनगर बरेली में महीनों महीनों कफर्यू रहता? नहीं रहता। आखिर हमने इन्हें बहाल किया।

दंगा मुक्त उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को हमने प्राप्त किया है। हमने तीन महिला पीएसी बटालियन का गठन किया है। पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत महिलाओं को जगह दी गई। पुलिस भर्ती पुलिस रिफॉर्म, पुलिस आधुनिकिकरण के अच्छे नतीजे आये हैं। कानून का राज स्थापित हुआ है।