मुख्यमंत्री योगी ने फहराया तिरंगा, स्वतंत्रता और लोकतंत्र सेनानियों को किया नमन

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधान भवन पर परेड की सलामी ली

मुख्यमंत्री योगी ने फहराया तिरंगा, स्वतंत्रता और लोकतंत्र सेनानियों को किया नमन

लखनऊ, 26 जनवरी । गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आवास 05 कालिदास मार्ग पर तिरंगा फहराया। वहीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानभवन के समक्ष 73वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड की सलामी ली। विधान भवन के समक्ष आयोजित कार्यक्रम में सरकार के मंत्री, अफसर समेत आम नागरिक भी मौजूद रहे। बच्चों की झांकी निकाली गई।

तिरंगा फहराने के बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था। किसी भी राष्ट्र के लिए अपनी व्यवस्था को संचालित करने के लिए अपना एक संविधान बनाना आवश्यक होता है। भारत के उस समय के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने मिलकर के एक संविधान सभा का गठन किया था। संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान का मसौदा तैयार कर उसकी प्रति संविधान सभा को सौंपी। 26 जनवरी 1950 को देश ने अपना संविधान लागू किया।

योगी ने कहा कि भारत का संविधान कई मायने में बहुत महत्वपूर्ण है। जहां भारत के प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकारों की रक्षा का प्रावधान संविधान में किया गया है, वहीं प्रत्येक नागरिक के मौलिक कर्तव्यों का भी उल्लेख संविधान में है। अधिकार और कर्तव्य के बीच का यह समन्वय ही भारत के संविधान को दुनिया के अन्य संविधानों की तुलना में विशेष स्थान रखता है। बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जो भारत के संविधान ने दुनिया के सामने अपनी विशेषता और विशिष्टता की छाप छोड़ी है। खासतौर पर आधी आबादी को देश के पहले आम चुनाव से ही मतदान का अधिकार मिला। आधुनिक लोकतंत्र की डींग हांकने वाले ब्रिटेन में यह अधिकार बहुत बाद में मिला है।

उन्होंने कहा कि इस देश की अनुसूचित जाति जनजाति के एक बड़े समुदाय को सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के साथ-साथ उनका अधिकार प्राप्त हो, यह अधिकार भी भारत के संविधान ने दिया है। आज यही कारण है कि तमाम सम-विषम परिस्थितियों के बावजूद भारत का संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक को न केवल सम्मान के साथ आगे बढ़ने के लिए सदैव प्रेरित करता रहा है, बल्कि दुनिया के सबसे जीवंत लोकतंत्र के रूप में अपनी अनवरत यात्रा को आगे बढ़ा रहा है। हम सबको भारतीय होने का गौरव प्रदान करने वाला भारत का संविधान भारत की मूल भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। आज जब यह देश अपना 73 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, हम सबको भारत की उपलब्धि पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए।

आज भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में दुनिया के सामने एक नई मिसाल प्रस्तुत कर रहा है। आज दुनिया के अंदर भारत को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता है। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान भारत ने यह साबित किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बेहतरीन कोरोना प्रबंधन रहा है। जीवन और जीविका दोनों को बचाने के लिए प्रयास हुआ। यह कोरोना प्रबंधन दुनिया के लिए आज नजीर बना हुआ है। आज एक बार फिर से हम सब को एक संकल्प के साथ जुड़ना होगा कि हम हम अपने भारत के संविधान की मूल भावनाओं का सम्मान करते हुए जीवन में जब भी हम अधिकार की बात करते हैं तो उससे पहले अपने कर्तव्यों के बारे में भी विचार करते हुए ईमानदारी से निर्वहन करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस अवसर पर देश के सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने पिछले पांच वर्षों में विकास, समृद्धि और सुशासन की एक लंबी यात्रा तय की है। हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए देश के अंदर उत्तर प्रदेश एक नई नजीर प्रस्तुत कर रहा है। इस अवसर पर मैं उत्तर प्रदेश के अंदर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में काम करने वाले उन सभी नागरिकों को जिन्हें कल भारत सरकार ने सम्मानित किया है, उन सबको हृदय से बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भारत माता के ज्ञात और अज्ञात उन सभी शहीदों को जिन्होंने देश की स्वाधीनता के लिए और स्वतंत्र भारत में भारत को एक नई दिशा देने में अपना योगदान दिया है, उन सब को मैं इस अवसर पर विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कोटि-कोटि नमन करता हूं। मैं भारत माता के उन सभी वीर सपूतों को जिन्होंने भारत की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा के लिए अपना बलिदान दिया है, उन सभी शहीदों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी शहादत को नमन करता हूं।

मुख्यमंत्री आवास पर ध्वज फहराने के अवसर पर राज्य सरकार के कई मंत्री और अफसर भी मौजूद रहे।