प्याज और लहसुन भण्डारन कर उत्पाद का बाजार मूल्य अधिक प्राप्त कर सकते हैंः केशव प्रसाद मौर्य

प्याज और लहसुन भण्डारन कर उत्पाद का बाजार मूल्य अधिक प्राप्त कर सकते हैंः केशव प्रसाद मौर्य

प्याज और लहसुन भण्डारन कर उत्पाद का बाजार मूल्य अधिक प्राप्त कर सकते हैंः केशव प्रसाद मौर्य

बांदा, 10 सितंबर। प्याज एवं लहसुन पैदा करने वाले कृषक अगर एक साथ कम लागत के भण्डार गृह बनाकर प्याज और लहसुन कुछ समय के लिए भण्डारित करते हैं, तो इससे उत्पाद का बाजार मूल्य अधिक प्राप्त कर सकते हैं। 

विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं प्रध्यापकों को बुन्देलखण्ड में कृषि विकास के लिए किये जा कार्य की सराहना करता हूं और नयी तकनीकी विकसित कर बुन्देलखण्ड के कृषकों की दशा और दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके, ऐसी अपेक्षा करता हूं। यह वक्तव्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को कृषि विश्वविद्यालय, बांदा के भ्रमण के दौरान कही। 

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति के निर्देशन में वैज्ञानिकों के द्वारा कृषकों हेतु विभिन्न तकनीकियों का प्रदर्शन फलदायी है। वैज्ञानिकों द्वारा संरक्षित खेती पर किये जा रहे कार्य अच्छा है। एकीकृत कृषि प्रणाली छोटे जोत के कृषकों के लिए आय बढ़ाने का उत्तम साधन है। 



उपमुख्यमंत्री ने भ्रमण के दौरान संरक्षित खेती एवं प्याज और लहसुन हेतु कम लागत वाले भण्डार गृह के बारे में विस्तृत जानकारी, सब्जी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक डा. आर.के. सिंह ने, एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल के भ्रमण के दौरान अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डा. जी.एस. पवांर तथा शस्य विज्ञान के विभागाध्यक्ष डा. नरेन्द्र सिंह ने विस्तार से जानकारी दी। 

वानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. संजीव कुमार एवं डा. भालेन्द्र सिंह राजपूत ने वानिकी महाविद्यालय में चल रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में उप मुख्यमंत्री को विस्तार से जानकारी दी।विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. एस.के. सिंह के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री का विश्वविद्यालय परिसर में स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर बांदा जिले के सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष, भाजपा एवं जिले के अन्य जन प्रतिनिधि एवं गणमान्य लोगों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन एवं अनुश्रवण, डा. बी.के. सिंह, वित्त नियंत्रक, डा अजीत कुमार सिंह, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, डा. जी.एस. पवांर, अधिष्ठाता उद्यान महाविद्यालय, डा. एस.वी. द्विवेदी, अधिष्ठाता वानिकी महाविद्यालय, डा. संजीव कुमार के साथ अन्य अधिकारी, प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।