प्रतापगढ़ में अफवाहों के बीच मतदान शांतिपूर्ण सम्पन्न, 52.65 प्रतिशत लोगों ने किया मताधिकार का प्रयोग

प्रतापगढ़ जिले की सात विधानसभा सीटों पर 90 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद

प्रतापगढ़ में अफवाहों के बीच मतदान शांतिपूर्ण सम्पन्न, 52.65 प्रतिशत लोगों ने किया मताधिकार का प्रयोग

प्रतापगढ़, 27 फरवरी । निर्वाचन आयोग की नजर में सबसे संवेदनशील माने गए प्रतापगढ़ जिले के सात विधानसभा सीटों पर रविवार को को मतदान अफवाहों और छुट-पुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया। जिले में अफवाहों के बीच शांतिपूर्ण मतदान होने पर जिला प्रशासन ने राहत की सांस लिया। दिन भर अफसर उड़ती अफवाहों के बीच दौड़ते रहे।

कंटोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल लगभग 52.25 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। प्रतापगढ़ विधानसभा सदर सीट पर प्रतिशत, रामपुरखास 53.25 प्रतिशत, पट्टी में 56.60 प्रतिशत, रानीगंज में 54.24 प्रतिशत, विश्वनाथगंज में 50.5 प्रतिशत, बाबागंज में 49.56 प्रतिशत, कुंडा 52.12 प्रतिशत मतदान हुआ है। इसके साथ ही मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण चल रही है। चुनाव आयोग की नजर में प्रतापगढ़ जिला अति संवेदनशील है। जिसे लेकर मजबूत तैयारी प्रशासन ने किया था। जिलाधिकारी डॉ नितिन बंसल और पुलिस अधीक्षक सत्यपाल अंतिल ने सुबह से बूथों का निरीक्षण करते रहे।

सुबह से ही कंटोल रूम में अफवाहों की घंटी बजने लगी, अधिकतर शिकायतें झूठी रही। कुछ मतदान केन्द्रों पर मशीन में तकनीकी खराबी के चलते मतदान प्रक्रिया आधे से एक घंटे देर में शुरु हो सकी। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में चुनाव को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। सुबह से ही लम्बी लाइन महिलाओं की लगी रही। जिला प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद मतदान के प्रतिशत में बढ़ोत्तरी नहीं हो सकी।





रविवार को हुए चुनाव के बाद कुंडा से जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया, पट्टी से कैबिनेट मंत्री भाजपा उम्मीदवार मोती सिंह, रानीगंज से भाजपा विधायक धीरज ओझा, रामपुर खास से कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रमोद तिवारी की पुत्री विधायक आराधना मिश्रा (मोना), सदर पर अपना दल कृष्णा पटेल की अध्यक्ष कृष्णा पटेल सहित 90 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम मशीन में बंद हो गया है। अब 10 मार्च तक मतगणना होने तक सभी को चुनाव परिणाम का इंतजार करना है। विधानसभा चुनाव 2017 के अपेक्षा वर्तमान चुनाव में मतों का प्रतिशत कम रहा। मतों का प्रतिशत कम होने से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की चिंता बढ़ गई है।