प्रयागराज: सभी अस्पतालों में स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड हो : डॉ शेट्टी
465 छात्रों को ऑनलाइन मोड माध्यम से किया गया सम्मानित
प्रयागराज, 11 सितम्बर । इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड से स्वास्थ्य सेवा सुरक्षित, सुलभ और सस्ती हो जाएगी। दुर्भाग्य से दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत अस्पतालों में इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड नहीं हैं। हम चाहते हैं कि सभी के पास सबसे स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड हो। उक्त विचार पद्मभूषण और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हृदय चिकित्सक डॉ. देवी शेट्टी ने शनिवार सुबह भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज के 16वें ई-दीक्षांत समारोह में व्यक्त किया।
इस दौरान 465 छात्रों को ऑनलाइन मोड के माध्यम से विभिन्न डिग्रियों से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, मेधावी छात्रों को 23 पदक तथा 29 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। डॉ. देवी शेट्टी ने डिग्री धारकों का आवाहन किया कि वे डिजिटल उपकरण सस्ते दर पर विकसित करके नागरिकों के जीवन को आसान किये जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि शेयर बाजार का मूल्यांकन वास्तविक भारत नहीं है। वास्तविक भारत अभी भी कृषि अर्थव्यवस्था पर निर्भर करता है, जो आजादी के बाद से आज तक नहीं बदला है। हमारे देश की लगभग आधी आबादी अभी भी बारिश पर निर्भर करती है। दिलचस्प बात यह है कि जब पर्याप्त बारिश होती है तो बम्पर फसल होती है, फिर भी पैसा नहीं होता है क्योंकि उसने जो उगाया है उसका कोई बाजार मूल्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि कोविड ने हमारी दुनिया को बदल दिया है और इसे उल्टा कर दिया है। अब से 50 साल बाद जब इतिहासकार अतीत की बात करगें तो विश्व की घटनाओं को बीसी और एडी के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। उन्होंने उपाधि धारको को प्रेरित करते हुए कहा की जब आप किसी महान उद्देश्य, किसी असाधारण परियोजना से प्रेरित होते हैं, तो आपके सभी विचार अपने बंधन तोड़ देते हैं।
प्रोफेसर पी. नागभूषण, निदेशक ने कहा कि कोविड व्यवधान की अवधि के दौरान संस्थान अपने शोध के साथ सक्रिय रहा है। कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक किट तैयार की गई है। यह किट नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित है। केजी मेडिकल कॉलेज, लखनऊ में इसका सत्यापन परीक्षण चल रहा है। इसके द्वारा परिणाम प्राप्त करने के लिए 15 मिनट से भी कम समय लगता है और यह एक बहुत ही किफायती और प्रभावी समाधान साबित होगा। उन्होंने कहा कोविड व्यवधान के बावजूद हमारे छात्रों ने हैकाथॉन और अन्य कोडिंग प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि स्नेहा मिश्रा को प्रतिष्ठित एडीओबीई वूमेन इन टेक्नोलॉजी फेलोशिप 2021 और कथार संपदा मनोज को ग्रेस हॉपर सेलिब्रेशन फेलोशिप 2021 मिली।
निदेशक ने कहा, इसके अलावा संस्थान द्वारा स्वायत्त रूप से चालित उत्प्रेरक चुंबकीय नैनोबोट्स को डिज़ाइन किया गया है। यह आविष्कार जल उपचार के लिए उपयोगी है और इससे जल निकायों के भीतर कोई प्रदूषण नहीं होगा। कोरोना महामारी के कारण आई मंदी का संस्थान के प्लेसमेंट आंकड़ों पर कोई असर नहीं पड़ा और 85 प्रतिशत बीटेक छात्रों को दुनिया की विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में नौकरियां मिली। इस अवसर पर प्रोफेसर टी लहरी डीन एकेडमिक्स, प्रो विजयश्री तिवारी कुलसचिव, डॉ मनीष गोस्वामी एसोसिएट डीन परीक्षा एवं प्रो नीतेश पुरोहित ने भी अपने विचार व्यक्त किये।