चेक अनादर पर समझौते के बाद न्याय हित में रद्द की जा सकती है आपराधिक कार्यवाही : हाईकोर्ट
चेक अनादर पर समझौते के बाद न्याय हित में रद्द की जा सकती है आपराधिक कार्यवाही : हाईकोर्ट
प्रयागराज, 27 सितम्बर । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि परक्राम्य विलेख अधिनियम की धारा 138 के तहत आपराधिक मुकदमे में पक्षों के बीच आपसी समझौता होने के आधार पर हाईकोर्ट अपनी अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग कर केस की कार्यवाही रद्द कर सकता है।
कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट को न्याय हित में न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए धारा 482 की शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार है। इसी के साथ कोर्ट ने मथुरा के वृंदावन थानाक्षेत्र के निवासी योगेन्द्र गोस्वामी के खिलाफ अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही रद्द कर दी है। इससे पहले याची अधिवक्ता ने विपक्षी मनोज कुमार के अधिवक्ता को चेक अनादर की राशि 4 लाख 50 हजार रुपये चेक के माध्यम से वापस किया।
यह आदेश न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के स्थापित विधि सिद्धांतों पर विचार करते हुए दिया है। दोनों पक्षों में धनराशि को लेकर समझौता हो गया और राशि प्राप्त करने के बाद आपराधिक केस समाप्त करने पर सहमति बनी। कोर्ट ने कहा न्यायिक हित में कोर्ट को आपराधिक केस की कार्यवाही रद्द करने का अधिकार है।