बिहार के 11 वर्षीय सोनू ने आईएएस बनने की ठानी, एलन उसे गोद लेकर पढायेगा

बिहार के 11 वर्षीय सोनू ने आईएएस बनने की ठानी, एलन उसे गोद लेकर पढायेगा

बिहार के 11 वर्षीय सोनू ने आईएएस बनने की ठानी, एलन उसे गोद लेकर पढायेगा

22 मई । ‘झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिये’ इन पंक्तियों को सच करने का सपना लेकर बिहार के नालंदा जिले के एक छोटे से गांव में कक्षा पांच का छात्र सोनू अपने दम पर आईएएस बनना चाहता है। सौ घरों के इस छोटे से गांव की आबादी चार सौ है। बचपन से अभाव और आर्थिक संकटों से जूझते परिवार में आगे पढने का सपना लेकर 11 साल का सोनू कक्षा पांच में पढते हुये अन्य छात्रों को पढाता भी है।



इस माटी के लाल का आत्मविश्वास उस समय सामने आया जब बिहार के मुख्यमंत्री भीड़ में उसकी आवाज सुनकर रुके और उसके मन की इच्छा को सुना। सोनू ने कहा कि वह भी एक दिन अपनी मेहनत से आईएएस बनना चाहता है, बस उसे अच्छी पढाई करने का माहौल मिल जाये। उसके वीडियो को देशभर के बच्चों ने बहुत पसंद किया। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात को सुनकर बहुत प्रभावित है, एक बार मोदी जी से मिलना चाहता है।



एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट के निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने जब यह वीडियो देखा और सुना तो एक शिक्षक होने के नाते उन्होंने सोनू को गोद लेकर भविष्य की सारी शिक्षा निशुल्क देकर उसका सपना सच करने का भरोसा दिलाया। इस संबंध में शुक्रवार रात सोनू के परिजनों से बात की। उन्होंने एलन द्वारा गरीब बेटे को आगे की पढाई करवाने की जिम्मेदारी लेने पर संस्थान का आभार जताया। सोनू को कोटा आकर निशुल्क पढाई करने का ऑफर दिया गया, जिस पर उसने कहा कि वो परिवार के साथ कोटा आकर पढाई का वातावरण देखेगा। वह चाहता है उसकी पढ़ाई मातृभाषा हिंदी में हो। इस पर बृजेश माहेश्वरी ने विश्वास दिलाया कि उसे पढ़ाई हिन्दी माध्यम में ही करवाएंगे।



गांव-ढाणी में छिपे हैं कई कोहिनूर



माहेश्वरी ने कहा कि आज भारत के सुदूर गांव-ढाणी में ऐसे कई कोहिनूर छिपे हैं। जो सक्षम है वे ऐसे बच्चों को आगे पढाने की जिम्मेदारी ले लें तो देश में नवनिर्माण की तस्वीर साकार की जा सकती है। देश का एक भी होनहार बच्चा अच्छी पढाई से वंचित नहीं रहना चाहिये। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करता हूं कि देश के सक्षम व समर्थ वर्ग को इस मिशन से जोडकर गांवों की होनहार प्रतिभाओं को निशुल्क शिक्षा के माध्यम से तराशने का राष्ट्रीय अभियान प्रारंभ करें।



एलन द्वारा कोरोना की दूसरी लहर में परिजन खो चुके बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की घोषणा की गई है। साथ ही, राष्ट्र के लिये प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के बच्चों को भी निशुल्क शिक्षा दी जा रही है। देश में पुलवामा, करगिल व अन्य युद्धों में या सीमा की रक्षा करते समय शहीद हुए सैनिकों के बच्चों को शौर्य छात्रवृत्ति देते हुए निशुल्क शिक्षा दी जा रही है। गुदड़ी के लाल स्कॉलरशिप