धर्मांतरण मामला: सत्तर दशक पहले श्याम सिंह से कैसे बना उमर गौतम: जाने इनसाइड स्टोरी

धर्मांतरण मामला: सत्तर दशक पहले श्याम सिंह से कैसे बना उमर गौतम: जाने इनसाइड स्टोरी

धर्मांतरण मामला: सत्तर दशक पहले श्याम सिंह से कैसे बना उमर गौतम: जाने इनसाइड स्टोरी

लखनऊ, 22 जून। मुक-बधिर बच्चों और महिलाओं को बरगला कर मुस्लिम बनाने वाले गिरोह का सदस्य उमर गौतम सत्तर दशक पहले हिन्दू था। उसका असली नाम श्याम सिंह गौतम है। वह मूलरूप से फतेहपुर का रहने वाला था। प्राथमिक पूछताछ में उमर गौतम ने पुलिस को बताया कि इस्लाम की दावत से खुश होकर उसने मुस्लिम धर्म को अपनाया था। बाद में वह लोगों को दावत के नाम पर दूसरे धर्म के आगे मुस्लिम धर्म को बढ़ाकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए उकसाता था। इसके लिए वह उनकी मदद के लिए पैसा भी देता था। इसी तरह आदित्य भी अब्दुल बन गया। इसके लिए उसके खाते में विदेश से पैसे आते थे। 

कन्वर्जन माफिया का पोस्टर ब्वॉय बना उमर गौतम 
आज से 70 दशक पहले फतेहपुर का रहने वाला श्याम सिंह गौतम इलाहाबाद में पढ़ाई करता था। इस बीच उसकी दोस्ती मुस्लिम युवक से हो गई। उस युवक की खातिरदारी और दावत से श्याम सिंह इतना खुश हो गया कि उसने भी मुस्लिम धर्म को अपनाकर अपना नाम उमर गौतम रख लिया। उसे यह समझ में आ गया था कि इस्लाम में दावत का अर्थ क्या होता है। दावत मतलब इस्लाम का निमंत्रण। आओ! काफिरों। इस्लाम की तरफ आओ, जहां से जन्नत के रास्ते खुलते हैं। कब तक काफिर मुशरिक की मौत मरते रहोगे और जहन्नुम की आग में जलते रहोगे? ये बात गौतम ने आगे फैलाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते वह कन्वर्जन माफिया का पोस्टर ब्वॉय बन गया, जिसे दिखाकर मोमिन अपने जन्नती होने का सबूत देने लगे। दिल्ली के ओखला में इसने एक दावत सेन्टर की स्थापना की और घूम-घूमकर गैर मुस्लिमों को इस्लाम की दावत देने लगा।
चार दिन से हो रही पूछताछ, चलाया इस्लामिक सेंटर
रोहिंग्याओं के खिलाफ चलाये गए इस अभियान के तहत एटीएस ने धर्म परिवर्तन कराने के बड़े मामले का खुलासा किया है। दिल्ली के जामियानगर के मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी से एटीएस द्वारा करीब चार दिन से पूछताछ की जारी है। इसमें पता चला है कि यह लोग गरीब हिंदुओं, महिलाओं और मुकबधिर बच्चों को लालच देकर धर्म परिवर्तन करा लेते हैं।
अबतक एक हजार लोगों का धर्मांतरण हो चुका है, मुकबधिर बच्चें भी शामिल हैं। दोनों मौलाना का दावा है कि वह तो इस्लामिक सेंटर के नाम से संस्था भी चलाते हैं।