दो लाख से अधिक बेटियों को आत्मरक्षा में निपुण बनायेगी योगी सरकार
प्रदेश के 45 हजार से ज्यादा सरकारी विद्यालयों में छात्राओं को दी जाएगी ट्रेनिंग
लखनऊ, 02 अप्रैल । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बेटियों को सक्षम और सशक्त बनाने के साथ ही अब उन्हें आत्मरक्षा में भी निपुण बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को बेसिक शिक्षा विभाग के तहत स्कूल चलो अभियान की शुरुआत के साथ ही वीरांगना लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के मॉड्यूल का भी विमोचन किया है।
इस मॉड्यूल के तहत प्रदेश के 45 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली दो लाख से अधिक छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। इस मॉड्यूल के तहत छह दिवसीय इस कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल दिया गया है। जिसमें उन्हें प्रशिक्षण के साथ-साथ आत्मरक्षा के महत्व के बारे में भी बताया जाएगा। साथ ही उन्हें विभिन्न ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से ईव टीजिंग, साइबर बुलींग, एसिड अटैक जैसी चीजों के बारे में भी जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा खेलकूद के माध्यम से छात्राओं को शारीरिक रूप से भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा।
11-14 वर्ष की छात्राओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण
बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित परिषदीय एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को मानसिक तथा शारीरिक रूप से शक्तिशाली बनाए जाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम को संचालित करने जा रही है। इस योजना के तहत 11 से 14 वर्ष की छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा। छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के साथ-साथ मानसिक रूप से संतुलित एवं किसी भी अप्रत्याशित घटना के विरुद्ध सशक्त होने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विद्यालयों में तैनात शारीरिक व्यायाम शिक्षक व अनुदेशक प्रत्येक कार्य दिवस में एक घंटे की अवधि का सत्र आयोजित करेंगे। इस सत्र में व्यायाम, योग, साफ-सफाई के साथ आत्मरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण को शामिल किया गया है।
1200 प्रशिक्षकों की होगी स्पेशल ट्रेनिंग
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस मॉड्यूल के तहत 50-50 के बैच में 1200 शारीरिक शिक्षकों को एक सप्ताह तक स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसकी अवधि प्रतिदिन 6-8 घंटे (सोमवार-शनिवार) होगी। प्राथमिक कवरेज के तहत सभी 75 जनपदों में संचालित 45000 सरकारी विद्यालयों में कक्षा 06, 07 व 08 (11-14 वर्ष आयु) की छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। एक प्रशिक्षक और एक सहायक 50 प्रशिक्षणार्थियों के लिए नियुक्त किए जाएंगे। परियोजना के लिए सलाहकार एजेंसी के रूप में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (डब्ल्यूसीएसओ) 1090 का सहयोग लिया गया है।
अपराधियों के हौसले होंगे पस्त
यदि बालिकाएं आत्मरक्षा में सक्षम हो जाएं तो महिलाओं को कमजोर समझने वाले अपराधियों के हौसले भी पस्त कर सकती हैं। इस प्रशिक्षण के बाद असुरक्षा के कारण विद्यालय न जाने वाली बालिकाओं की शिक्षा में निरंतरता सुनिश्चित हो सकेगी। इस मॉड्यूल का उद्देश्य बालिकाओं को आत्मरक्षा में सक्षम व स्वयं के प्रति सशक्त बनाना है। साथ ही बालिकाओं के प्रति अपराधों से संबंधित कानूनों, प्रावधानों के बारे में समझ विकसित करना भी है। बालिकाओं को सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा संचालित विभिन्न हेल्पलाइन की सेवाओं के विषय में भी जानकारी दी जाएगी। बालिकाएं आत्मरक्षा की विधियों को सीखकर अन्य बालिकाओं को भी प्रेरित करेंगी।