वाराणसी: खिड़किया घाट पर नमस्ते आकार के बनाए गए तीन स्कल्प्चर बने आकर्षण
स्मार्ट सिटी कम्पनी ने नमस्ते स्कल्प्चर के पास नमो नम: का साइनेज भी लगाया
वाराणसी, 22 मार्च । काशीपुराधिपति की नगरी में खिड़किया घाट अब नये पर्यटन के केन्द्र के रूप में तेजी से पहचान बना रहा है। शहर के उत्तरी छोर पर गंगा किनारे स्थित खिड़किया घाट पर बने नमस्ते आकार के तीन स्कल्प्चर लोगों में आकर्षण बना हुआ है। घाट पर चौथा स्कल्प्चर भी जल्द ही आकर ले लेगा। इन तीनों से चौथा लगभग तीन गुना बड़ा होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर घाट के सुंदरता और आकर्षण को देख लोग इसे नमो घाट कह रहे हैं। स्मार्ट सिटी कम्पनी ने नमस्ते स्कल्प्चर के पास नमो नम: का साइनेज लगाकर इसमें चार चांद लगा दिया है। साइनेज पर हिंदी व अंग्रेजी में नमो नम: लिखा गया है। घाट का नाम नमोघाट रखने के लिए भाजपा पार्षद सुशील गुप्ता प्रस्ताव भी बना रहे हैं, ताकि नगर निगम सदन में चर्चा कर नमो घाट का नाम दस्तावेज में दर्ज कराया जा सके।
गौरतलब हो कि घाट पर नमस्ते आकार के जो तीन स्कल्प्चर बनाए गए हैं उसमें दो की ऊंचाई 25-25 फीट है, जबकि एक थोड़ा कम ऊंचा है। चौथे स्कल्प्चर की ऊंचाई करीब 75 फीट होगी। जो स्कल्प्चर बने हैं वे मोल्डेड एलाय (मिश्रित धातु) के हैं। जबकि प्रस्तावित चौथा स्कल्प्चर कापर का बनाया जा रहा है। काशी के घाटों पर पर्यटकों का हुजूम उमड़े और बेहतर सुविधाएं विकसित हों। इसके लिए पर्यटन विभाग, नगर निगम समेत अन्य कई विभाग लगातार प्रयास कर रहे है। शहर में दशाश्वमेध, अस्सी घाट के बाद विकास का केंद्र खिड़किया घाट है। यहां करीब 11.5 एकड़ एरिया में 35.83 करोड़ से आधुनिकतम सुविधाएं विकसित हो रही हैैं। इसमें 1.6 एकड़ भूमि पर बहुउद्देशीय प्लेटफार्म बना है।
इस नए पर्यटन स्थल को जल, थल व नभ तीनों से जोड़ा जा रहा है। घाट के समीप दो हेलीपैड बनाए जा रहे हैं। ई-रिक्शा कारिडोर भी जोड़ा जा रहा है। बहुउद्देशीय प्लेटफार्म पर बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगों के लिए भी सुविधाएं रहेंगी। श्री काशी विश्वनाथ धाम दर्शन व वाटर स्पोर्ट्स का लुत्फ लेने के लिए टिकट बुकिंग, नाव व बजड़े की सुविधा मिलेगी। यहां पर्यटक मार्निंग वाक कर सकेंगे। व्यायामशाला के अलावा यहां लाइब्रेरी भी होगी। फूड प्लाजा, आरओ प्लांट के साथ ही शिल्प से जुड़े कारीगरी को स्थान दिया जाएगा। स्मार्ट सिटी कम्पनी अब प्रमुख पर्वों पर हिंदी व अंग्रेजी में शहर वासियों समेत बाहर से आने वालों को शुभकामना दे रही है। शुभकामना अब संस्कृत भाषा में भी दी जा रही है।