उप्र बजट : वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया 07 लाख 36 हजार 437 करोड़ का बजट

उप्र बजट : वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया 07 लाख 36 हजार 437 करोड़ का बजट

उप्र बजट : वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया 07 लाख 36 हजार 437 करोड़ का बजट

लखनऊ,05 फरवरी । उत्तर प्रदेश विधान मंडल बजट सत्र के दौरान सोमवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने श्रीरामचरितमानस की चौपाई पढ़ने के साथ विधानसभा में वर्ष 2024-25 का 07 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपये का बजट पेश किया। बजट में 24 हजार 863 करोड़ 57 लाख रुपये (24,863.57 करोड़ रूपये) की नई योजनाएं सम्मिलित की गई है।



बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में कानून व्यवस्था का राज कायम हुआ है। इन्वेस्टर समिट हुई है। लखनऊ में दिल्ली की तर्ज पर सिटी विकसित की जाएगी। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमने विकास गाथा लिखी है। हमारी सरकार में रिकार्ड गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया। गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की गई है। निराश्रित महिला पेंशन में वॄद्धि की गई है। युवक मंगल दल का गठन किया है। यह बजट युवाओं के लिए है। समाज के सभी वर्गों के लिए योजनाएं हैं।



उन्होंने बताया कि बजट में कुल प्राप्तियां 07 लाख 21 हजार 333 करोड़ 82 लाख रुपये (7,21,333.82 करोड़ रुपये) अनुमानित है। कुल प्राप्तियों में 06 लाख 06 हजार 802 करोड़ 40 लाख रुपये (6,06,802.40 करोड़ रुपये) की राजस्व प्राप्तियां तथा 01 लाख 14 हजार 531 करोड़ 42 लाख रुपये (1,14,531.42 करोड़ रुपये) की पूंजीगत प्राप्तिया सम्मिलित हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 04 लाख 88 हजार 902 करोड़ 84 लाख रुपये (4,88,902.84 करोड़ रुपये) है। इसमें स्वयं का कर राजस्व 02 लाख 70 हजार 86 करोड़ रुपये (2,70,086 करोड़ रुपये) तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 02 लाख 18 हजार 816 करोड़ 84 लाख रुपये (2,18,816.84 करोड़ रुपये) सम्मिलित है।

उन्होंने बताया कि बजट सत्र 2024-2025 में कुल व्यय 07 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपये (7,36,437.71 करोड़ रुपये) अनुमानित है। कुल व्यय में 05 लाख 32 हजार 655 करोड़ 33 लाख रुपये (5,32,655.33 करोड़ रुपये) राजस्व लेखे का व्यय है तथा 02 लाख 03 हजार 782 करोड़ 38 लाख रूपये (2,03,782.38 करोड़ रुपये) पूंजी लेखे का व्यय है।

बजट रखते हुए उन्होंने कहा कि समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के पश्चात् 15 हजार 103 करोड़ 89 लाख रुपये (15,103.89 करोड़ रुपये) का घाटा अनुमानित है। जबकि लोक लेखे से 05 हजार 500 करोड़ रुपये (5,500 करोड़ रुपये) की शुद्ध प्राप्तियां अनुमानित हैं। उन्होंने बताया कि समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम 09 हजार 603 करोड़ 89 लाख रुपये (9,603.89 करोड़ रुपये) ऋणात्मक अनुमानित है। उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक शेष 38 हजार 189 करोड़ 66 लाख रुपये (38,189.66 करोड़ रुपये) को हिसाब में लेते हुये अन्तिम शेष 28 हजार 585 करोड़ 77 लाख रुपये (28,585.77 करोड़ रुपये) अनुमानित है।

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व बचत 74 हजार 147 करोड़ 07 लाख रुपये (74,147.07 करोड़ रुपये) अनुमानित है, जबकि राजकोषीय घाटा 86 हजार 530 करोड़ 51 लाख रुपये (86,530.51 करोड़ रुपये) अनुमानित है जो वर्ष के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.46 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी की कर्मठता, उनकी भविष्यलक्षी दूरदृष्टि, समाज को संगठित कर खुशहाली के मार्ग पर आगे ले चलने की क्षमता और समाज के हर वर्ग के लिए समदृष्टि के प्रति यह बजट संकल्पित है। उन्होंने बजट का गुणगान करते हुए कहा कि यह पंक्तियां सटीक बैठती हैं- तुम्हारी शख्सियत से ये सबक लेंगी नई नस्लें, वहीं मंजिल पर पहुंचा है जो अपने पांव चलता है। डुबो देता है कोई नाम तक भी खानदानों का, किसी के नाम से मशहूर होकर गांव चलता है।