विश्वविद्यालय में होना चाहिए जीवन्तता का बोध : प्रो कामेश्वर

प्रोफेसर केएन सिंह का हुआ मुक्त विश्वविद्यालय में स्वागत

विश्वविद्यालय में होना चाहिए जीवन्तता का बोध : प्रो कामेश्वर

प्रयागराज, 08 नवम्बर । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में सोमवार को दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने नई शिक्षा नीति पर कहा कि विश्वविद्यालय जीवंत संस्थाएं हैं। इसलिए जीवंतता का बोध होना चाहिए। नई शिक्षा नीति कई अच्छाइयां लेकर आई हैं।

मुक्त विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. के.एन सिंह ने कहा कि बिना जीवन दृष्टि के जीवन निरर्थक है, इसलिए विश्वविद्यालय के लिए कुछ ना कुछ अच्छा करने का भाव होना चाहिए। यहां के शिक्षकों को इस बात का गर्व और गौरव होना चाहिए कि उन्हें इतना बड़ा विश्वविद्यालय मिला है। जिसका कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों में अच्छा करने का प्रयास संतुष्टि का भाव उत्पन्न करता है।

मुक्त विवि की कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने कहा कि शिक्षक हमेशा सीखता रहता है। प्रयास करेंगे कि शिक्षिकत्व को बनाए रखें। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास विश्वविद्यालय को नैक से ग्रेडिंग दिलाना है। इसके लिए विश्वविद्यालय में हर तरह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को प्रगति के पथ पर आगे ले जाकर देश का गौरव बढ़ाने में हम सभी का योगदान होना चाहिए।

इस अवसर पर प्रो. सिंह का सम्मान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह देकर किया। कार्यक्रम का संचालन प्रबंधन अध्ययन विद्या शाखा के निदेशक प्रो. ओमजी गुप्ता ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. पी.पी दुबे ने किया। इस दौरान वित्त अधिकारी अजय कुमार सिंह, प्रो पी.के पांडे, प्रो. जी.एस शुक्ल, प्रो. सत्यपाल तिवारी, प्रो. एस कुमार, डी.पी सिंह, डॉ अतुल मिश्रा, डॉ सतीश चन्द्र जैसल एवं डॉ साधना श्रीवास्तव ने भी विचार व्यक्त किए।