महंत नरेन्द्र गिरि के अन्दर रही होगी कोई व्यथा : जगद्गुरु रामभद्राचार्य

महंत नरेन्द्र गिरि के अन्दर रही होगी कोई व्यथा : जगद्गुरु रामभद्राचार्य

महंत नरेन्द्र गिरि के अन्दर रही होगी कोई व्यथा : जगद्गुरु रामभद्राचार्य

चित्रकूट, 21 सितम्बर । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्रगिरि की संदिग्ध मौत पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने शोक जताते हुए कहा कि महंत नरेन्द्रगिरि से उनके अच्छे सम्बंध थे। घटना कुछ समझ में नहीं आ रही। प्रयागराज पुलिस ने कहा है फांसी से लटका शव मिला है। भद्राचार्य ने कहा हो सकता है उनके अन्दर कोई व्यथा रही होगी।

रामकथा ममर्ज्ञ जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मंगलवार को महंत नरेन्द्रगिरि महाराज की रहस्यमयी मृत्यु पर दुख जताते हुए कहा कि महंत गिरि अजात शत्रु थे। शैव और वैष्णव सम्प्रदाय में उन्होंने कभी भेद नहीं समझा। उनकी मृत्यु से वह काफी दुखी हैं। जिस तरह से हंस किसी सरोवर को छोड़कर चला जाता है। हंस जहां भी जाता है उसकी हर जगह इज्जत होती है, उस सरोवर का दुख कोई नहीं हर सकता।

उन्होंने बताया कि महंत नरेन्द्रगिरि का चित्रकूट से पुराना नाता रहा है। कथा व्यास आचार्य नवलेश दीक्षित ने उनकी मृत्यु पर दुख जताते हुए कहा कि वह चित्रकूट आने के बहुत इच्छुक रहा करते थे। कुछ दिनों पहले उनकी भेंट अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्रगिरि से हुई थी।