व्रती महिलाओं ने बनाया खरना, घाट पर की सुशोभिता की पूजा
खरना के बाद से शुरू होते हैं नियम, सोमवार को पूर्ण होगा व्रत
लखनऊ, 30 अक्टूबर । सूर्य छठ व्रत में नहाय-खाय के दूसरे दिन शनिवार को व्रती महिलाओं ने ‘खरना‘ किया। इसके बाद से महाव्रत शुरू हो गया। रविवार की शाम को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और इसके दूसरे दिन सोमवार को उदय होते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण किया जाएगा। खरना के साथ व्रत के कड़े नियम भी करने होते हैं। व्रती महिलाएं इस व्रत में पवित्रता का पूरी तरह से ध्यान रखा जाता है। उधर लखनपुरी के छठ घाट पर महिलाओं ने सुशोभिता पर पूजन किया और अर्घ्य भी दिया।
देवरिया की रहने वाली सीमा गुप्ता ने बताया कि खरना में मुख्य प्रसाद तैयार किया जाता है। सारा प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर तैयार किया जाता है। आज के बाद से व्रत के नियम भी पूरे करने होते हैं। व्रती को जमीन पर लेटना होता है। भोजपुरी छठ पूजा समिति के अध्यक्ष अशोक वर्मा ने बताया कि साठी के चावल, गुड़ और दूध का खरना बनता है। इसके अलावा चावल के आटे और चीनी का कसार और आटे, घी और गुड़ का ठेकुआ का भोग भी तैयार किया गया। बताया कि पूजा का भोग आज ही तैयार कर लिया जाता है।
उन्होंने बताया कि शनिवार को भी गोमती तट, पक्कापुल स्थित सांझिया घाट पर तैयारी की गई। प्रशासन से कई अधिकारियों ने आकर व्यवस्था का जायजा लिया। उधर अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के मीडिया प्रभारी वेद प्रकाश राय ने बताया कि कहीं दो दिन, तीन और चार दिन की छठ पूजा होती है। छठ घाट पर महिलाओं ने सुशोभिता पर पूजा की, दीप जलाए और अर्घ्य भी दिया।