महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से मुक्त है: प्रधानमंत्री मोदी

महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से मुक्त है: प्रधानमंत्री मोदी

महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से मुक्त है: प्रधानमंत्री मोदी

उज्जैन, 11 अक्टूबर। महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से मुक्त है। यहां कालों के काल महाकाल विराजीत हैं। अवंतिका नगरी कालगणना का केंद्र बिंदु रही है। मुझे सिंहस्थ-2016 में मुझे आने का सोभाग्य मिला था। मेरे मन में हजारों सालों की परंपरा का विचार प्रवाह बह रहा था। उस समय मां शिप्रा के तट पर अनेक विचारों से घिरा हुआ था। उसी समय कुछ मन बन गया। कुछ शब्द चल पड़े। पता नहीं कहां से आए, कैसे आए, जो भाव पैदा हुआ था,वह संकल्प बन गया। आज वह महाकाल लोक के रूप में सामने आया है। उन्हें बधाई, जिन्होंने उस समय के संकल्प को आज इस रूप में सामने लाएं है।



यह बात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहाकि महाकाल लोक का लाभ पूरे विश्व को मिलेगा, पूरी मानवता को मिलेगा। महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता,दिव्यता पूरे विश्व के लिए शांति का मार्ग प्रशस्त करेगी। मैं भगवान महाकाल के चरणों में सिर झुकाकर नमन करता हूं। आप यह विश्वास करिए आज भारत का एक और कालखण्ड नई भव्यता के साथ विश्व के समक्ष खड़ा हो गया है। जहां महाकाल है,वहां कालखण्डों की शिलाएं हैं।



मोदी ने कहाकि आज भारत की चेतना जाग्रत है। भारत की आत्मा जाग्रत है। अतीत में हमने देखा है। परिस्थितियां पलटी,सत्ताएं बदली,भारत का शोषण भी हुआ, आजादी भी मिली,आक्रमणकारियों ने उज्जैन की उर्जा को नष्ट करने के प्रयास किए। हमारे ऋषियों ने कहा है-महाकाल शिव की शरण में काल भी हमारा क्या कर लेगा। इसलिए भारत अपनी आस्था के प्रामाणिक केंद्रों के लिए फिर खड़ा हो गया। हम अपने अमरत्व की विश्वव्यापी घोषणा करेंगे। भारत में फिर काल के कपाल पर एक नया शिलालेख लिख दिया गया है। आज आजादी के अमृतकाल में अमर अवंतिका,भारत के सांस्कृतिक अमरत्व की घोषणा कर रही है। उज्जैन हजारों वर्षो से भारतीय काल गणना का केंद्रबिंंदु रहा है। वह आज फिर भारत की भव्यता के एक नए कालखण्ड का उल्लेख कर रहा है।



उन्होंने कहाकि साथियों भारत के लिए धर्म का अर्थ है-हमारे कर्तव्यों का सामूहिक संकल्प। हमारे संकल्पों का ध्येय है विश्व का कल्याण। यही भाव हमें महाकाल लोक को उसके भारतीय गौरव से जोड़ देता है। हमारे शास्त्रों में एक वाक्य है।- शिवम जानम,शिवम ज्ञानम। शिव ही ज्ञान है-ज्ञान ही शिव है। शिव के दर्शन में ही ब्रम्हाण्ड का सर्वोच्च दर्शन है। इसलिए मैं मानता हूं हमारे ज्योतिर्लिंगों का यह विकास भारत की आध्यात्मिक ज्योति का विकास है। भारत के ज्ञान ओर दर्शन का विकास है। भारत के सांस्कृतिक दर्शन, विश्व के मार्गदर्शनके लिए तैयार हो रहा है। भगवान महाकाल एक मात्र ज्योतिर्लिंग हे,जो दक्षिणमुखी है। ये शिव के ऐसे स्वरूप हैं,जिनकी भस्मार्ती पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। हर भक्त अपने जीवन में भस्मार्ती के दर्शन जरूर करना चाहता है। इसका धार्मिक महत्व आप सभी जानते हैं। भारत की जीवटता ओर जीवंतता का दर्शन मैं करता हूं। यहां आकर में अभिभूत हो गया। पूरे ब्रम्हाण्ड की उर्जा आज यहां आकर समाहित हो गई है। ऐसा महाकाल लोक दुनिया को नई उर्जा देगा,यही कामना है।



प्रारंभ में मोदी का सम्मान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किया। चौहान ने कहाकि सिंहस्थ-2016 में जब मोदी उज्जैन आए तो उन्होंने कहाकि था कि इस नगरी में कुछ ऐसा करें,जो काल के कपाल पर अमिट हो जाए। तभी यह संकल्प लिया था कि कुछ विशेष किया जाएगा। वर्ष-2020 के बाद इसमें गति आई ओर आज इस मुकाम पर आ गए। महाकाल लोक पूरे विश्व को आकर्षित करेगा और अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।