निरंकारी संत समागम की 74वें वार्षिक तैयारियों का शुभारम्भ
27, 28 व 29 नवम्बर को होगा संत समागम
प्रयागराज, 16 नवम्बर । निरंकारी संत समागम की 74वें वार्षिक तैयारियां इस वर्ष वर्चुअल रूप में की जा रही हैं। यह तैयारियां सरकार द्वारा जारी किये गये कोविड-19 के निर्देशों को ध्यान में रखकर की जा रही है। इस वर्ष के समागम की तिथियां 27, 28 एवं 29 नवम्बर को निर्धारित की गईं है। निरंकारी संत समागम का शीर्षक ‘विश्वास, भक्ति, आनंन्द’ विषय पर आधारित है। जिसमें विश्व भर से वक्ता, गीतकार तथा कविजन अपनी प्रेरक एवं भक्तिमय प्रस्तुति व्यक्त करेंगे।
उक्त जानकारी देते हुए स्थानीय जोनल इंचार्ज अशोक कुमार सचदेव ने बताया कि सम्पूर्ण समागम का सीधा प्रसारण मिशन की वेबसाईट पर तथा साधना टीवी चैनल के माध्यम से प्रस्तुत किया जायेगा। मिशन के इतिहास में ऐसा प्रथम बार होने जा रहा है, जब वर्चुअल समागम का सीधा प्रसारण किया जा रहा हो। समागम के तीनों दिन सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज अपने प्रवचनों द्वारा मानवमात्र को आशीर्वाद प्रदान करेंगे।
उन्होंने बताया कि मिशन का प्रथम निरंकारी संत समागम 1948 में बाबा अवतार सिंह जी की दिव्य उपस्थिति में हुआ। यद्यपि संत निरंकारी मिशन का आरम्भ बाबा बूटा सिंह के निर्देशन में हुआ। जिसे गुरमत का रूप देकर बाबा अवतार सिंह ने आगे बढ़ाया। निरंकारी संत समागम को व्यवस्थित, सुसज्जित तथा प्रफुल्लित करने का श्रेय युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह को जाता है। तदोपरान्त युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह ने न केवल समागम को अन्तरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया, अपितु ‘एकत्व’ के आधार पर ‘वसुदैव कुटुम्बकम्’ और ‘दीवार रहित संसार’ की सोच के साथ ‘यूनिवर्सल ब्रदरहुड’ की पहचान देकर, संसार को ‘अनेकता में एकता’ का दर्शन कराया। वात्सल्य एवं मातृत्व की साक्षात् मूर्ति माता सविन्दर हरदेव ने एक नये युग का सृजन किया और ‘युग निर्माता’ के रूप में प्रकट होकर अपने कर्तव्यों को निभाया। वर्तमान समय में सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज नयी सोच, एकाग्रता और सामुदायिक सामंजस्य की भावना के साथ इसे आगे से आगे बढ़ा रहे हैं।