आध्यात्मिक आस्था को कुटिल कूटनीति का शिकार नहीं बनने देना चाहिए : शंकराचार्य वासुदेवानंद

आध्यात्मिक आस्था को कुटिल कूटनीति का शिकार नहीं बनने देना चाहिए : शंकराचार्य वासुदेवानंद

आध्यात्मिक आस्था को कुटिल कूटनीति का शिकार नहीं बनने देना चाहिए : शंकराचार्य वासुदेवानंद

महाकुम्भ नगर, 14 जनवरी (हि.स.)। श्रीमज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने मंगलवार को महाकुम्भ मेला में संक्रांति के पावन अवसर पर मां गंगा में स्नान पूजा करके आशीर्वाद प्राप्त करने आए श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि युगाें युगों से आयोजित व सम्पन्न हो रहे कुम्भ पर्व की पवित्रता को किसी भी तरह से एक वर्ग विशेष द्वारा विवादास्पद एवं कुटिल कूटनीति का शिकार नहीं बनने देना चाहिए।



सनातन धर्म व संत परम्परा में जिनका विश्वास नहीं है उन्हें महाकुम्भ पर्व पर मेला क्षेत्र में स्वयं ही नहीं आना चाहिए। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के माध्यम से अखाड़ा परिषद द्वारा एक वर्ग विशेष को मेला क्षेत्र में दुकान लगाने से रोके जाने का निर्णय सर्वथा उचित है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस सम्बंध में अपनी राय स्पष्ट कर दी है।

शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म देवी देवता व मंदिर विरोधी वर्ग द्वारा सनातन धर्म की आस्था विश्वास एवं धार्मिक क्रिया कलापों में घुसपैठ उचित नहीं हैं। प्रदेश सरकार द्वारा इसे मजबूती से रोका जाना चाहिए।