यूक्रेन में मथुरा के सात छात्र फंसे
परिजनों ने भारत सरकार से लगाई बच्चों की सुरक्षित वापसी की गुहार
मथुरा, 24 फरवरी । रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग और गंभीर होते हालात के बीच उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के पांच छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उनके परिजन लगातार उनके संपर्क में बने हुए हैं। इन छात्रों के परिजनों ने केंद्र सरकार से बच्चों की सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई है। मथुरा जिले के रहने वाले इन सात छात्रों में यशिका, राधिका, योगेश कुशवाह, ऋतिक वर्मा, योगेश पचौरी, ओम अग्रवाल और कनक अग्रवाल हैं। सातों एमबीबीएस की पढ़ाई करते हैं।
मथुरा जिले के कोसीकलां के रहने वाले अधिवक्ता करण सिंह की बड़ी बेटी यशिका सिंह यूक्रेन के खारखेव इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की छात्रा हैं। यशिका सिंह एक दिसंबर 2021 को यूक्रेन गयी थीं। तब हालात बिल्कुल सामान्य थे। यशिका डॉक्टर बनने की चाहत में यूक्रेन गयीं। उसने वहां की खारखेव यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और मन लगाकर पढ़ाई करने लगी, लेकिन 2 महीने बाद ही वहां अचानक माहौल बदल गया। यशिका की कुशलता को लेकर परिवार चिंतित है। तीन भाई-बहन में सबसे बड़ी यशिका के बारे में उनके पिता करण सिंह ने बताया कि गुरुवार को कुछ देर पहले ही बेटी से बात हुई है। बेटी ने बताया जहां वह खारखेव में रह रहे हैं उससे कुछ दूरी पर ही हमला हुआ है। जब वह एक दिसंबर को बेटी को छोड़ने गए तब टिकट 30 हजार रुपये की थी, लेकिन अब हालात खराब हैं तो फ्लाइट की टिकट 58 हजार रुपये की कर दी है। याशिका का फ्लाइट का टिकट हो गया है। 26 फरवरी को उसे दिल्ली आना है। इस बीच युद्ध छिड़ने और एयरस्पेस बंद होने से परिवार की चिंता बढ़ गई। वह लगातार व्हाट्सएप कॉल से संपर्क बनाए हुए हैं।
यूक्रेन के इवानो शहर में बरसाना के रहने वाले जगदीश गोयल की बेटी राधिका गोयल भी फंसी हुई हैं। राधिका गोयल चार साल पहले एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए इवानो गई थीं। जहां उसने इवानो शहर के यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। राधिका ने बताया कि वो एक हॉस्टल में रह रही हैं। इवानो शहर में भारत के करीब 2500 छात्र-छात्रा रह रहे हैं। वहीं उसने भारतीय दूतावास से भी सम्पर्क किया, जिन्होंने मदद का आश्वासन दिया था। फिलहाल वह सुरक्षित हैं। वैसे इवानो शहर में रूसी सेना घुस चुकी है। एयरपोर्ट भी तबाह हो चुका है। राधिका गोयल के पिता जगदीश गोयल ने बताया कि वो बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। चार मार्च को बेटी की फ्लाइट थी, लेकिन उससे पहले यह हमला हो गया। मोदी सरकार से आग्रह है कि जल्द से जल्द सभी बच्चों को भारत वापस लाया जाए।
मथुरा जिले के वृंदावन के निकट स्थित ग्राम कीकी नगला निवासी हरिमोहन सिंह का पुत्र योगेश कुशवाह पिछले छह साल से यूक्रेन के डेनीप्रो शहर में डिनप्रोपेट्रोवेस्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। योगेश कुशवाह ने वॉट्सएप काल के जरिए बताया कि दो माह बाद उसकी फाइनल परीक्षा होने वाली है, लेकिन यहां गृहयुद्ध जैसे हालात बन गए हैं। फिलहाल वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। योगेश कुशवाहा ने बताया कि डेनीप्रो शहर में भी मथुरा के राया निवासी ऋतिक वर्मा और छटीकरा निवासी योगेश पचौरी सहित कई विद्यार्थी के अलावा लगभग भारत के 600 छात्र छात्राएं फंसे हुए हैं, जबकि पूरे यूक्रेन में भारतीयों की संख्या लगभग 15 से 20 हजार है। उन्होंने बताया कि गुरुवार की सुबह हमले की जानकारी होने के बाद उनके पिता हरिमोहन और मां राधारानी से बात हुई थी। परिवार के लोग डरे हुए थे, लेकिन उन्होंने बता दिया कि हम सभी भारतीय यहां सुरक्षित हैं।
इसके अलावा राया के रहने वाले 23 वर्षीय ऋतिक वर्मा पुत्र संजय वर्मा पिछले पांच वर्ष से यूक्रेन की वाईप्रो सिटी की स्टेट एस्टेब्लिसमेन्ट देनिप्रोट्रोवस्क मेडिकल अकेडमी ऑफ हेल्थ मिनिस्ट्री यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट कर रहे हैं। राया के शिवकुमार अग्रवाल के 26 वर्षीय पुत्र ओम अग्रवाल एवं कनक अग्रवाल बीते पांच वर्ष से यूक्रेन के इवानो यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों के फंस जाने से परिजनों में बच्चों को लेकर चिंता है। ओम अग्रवाल के पिता शिवकुमार अग्रवाल ने प्रधानमंत्री से अपने बच्चों को सकुशल देश वापसी की मांग की है।