प्रयागराज: योगी सरकार में सर्किल रेट न बढ़ने से जनता को मिली राहत : राज्य मंत्री
योगी सरकार में सर्किल रेट न बढ़ने से जनता को मिली राहत : राज्य मंत्री
प्रयागराज, 20 सितम्बर । प्रयागराज आए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन विभाग उप्र रविन्द्र जायसवाल ने सरकिट हाउस में पत्रकारों से कहा कि योगी सरकार में साढ़े चार साल में सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं होने से स्टाम्प विभाग का राजस्व डेढ़ गुना बढ़ा है, साथ ही जनता ने राहत का अनुभव किया है।
राज्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगीजी के नेतृत्व में आज उप्र देश के अग्रणी राज्यों में खड़ा है। भाजपा सरकार की नीतियों के कारण देश-विदेश के लोगों में प्रदेश में निवेश करने का चलन बढ़ा है, सरकार के प्रति विश्वास भी।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में भ्रष्टाचार, भय एवं आतंक के कारण निवेशकों ने उप्र से दूरी बना ली थी। अखिलेश सरकार के 2012-16 के बीच हर वर्ष सर्किल रेट बढ़ा था। योगी सरकार के कार्यकाल में कोई सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया। जिससे निवेशकों में उप्र के प्रति रूझान बढ़ा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में योगीजी के नेतृत्व में पिछले चार वर्षों में उत्तरोत्तर वृद्धि करते हुए विभाग ने 2020-21 में 16,532.56 करोड़ का सकल राजस्व प्राप्त किया।
-साढ़े चार सालों में जनहित में सम्पादित कार्य
- दिसम्बर, 2017 से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लागू किये जाने से आम जनमानस को विलेखों के निबन्धन में सुगमता हुई।
- सभी उप निबन्धक कार्यालयों में लैपटॉप उपलब्ध कराने से अशक्त एवं दिव्यांग जनों को निबंधन की सुविधा भूतल पर उपलब्ध करायी गयी।
- निबन्धन शुल्क दो प्रतिशत से एक प्रतिशत किये जाने से निम्न एवं मध्यम वर्ग को राहत मिली।
- भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से ऑनलाइन निबन्धन शुल्क भुगतान की सुविधा उपलब्ध करायी गयी।
- विभाग द्वारा प्रदत्त सेवाओं यथा सम्पत्ति पंजीकरण, विवाह पंजीकरण, भारमुक्त प्रमाण पत्र, अप्रयुक्त स्टाम्प शुल्क वापसी के प्रकरण इत्यादि को इलेक्ट्रानिकली उपलब्ध कराये जाने हेतु विभागीय पोर्टल से एकीकृत कर दिया गया है।
- ई-स्टाम्पिंग व्यवस्था लागू करने से सामान्य जन को स्टाम्प आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही पांच हजार लोगों को रोजगार मिला।
- प्रदेश के विभागों में दस्तावेजों को डिजिटल करने का कार्य प्रारम्भ किया और तीन जिलों बाराबंकी, अम्बेडकर नगर एवं श्रावस्ती के दस्तावेजों को पूरी तरह से डिजिटल किया जा चुका है और प्रदेश के अन्य जिले के दस्तावेजों को भी डिजिटल करने का कार्य प्रगति पर है।