पुलिस थानों में महिला कर्मियों के शौचालयों के लिए आवंटित बजट पर अनु सचिव गृह से मांगी प्रगति रिपोर्ट
हाई कोर्ट ने पूछा- यूपी सरकार की ओर से जारी बजट पर क्या कार्रवाई हुई, हलफनामे में बताएं
प्रयागराज, 23 जून (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी के पुलिस थानों में महिला पुलिस कर्मियों के लिए शौचालयों सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए आवंटित बजट पर अनु सचिव गृह से प्रगति आख्या प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि अनु सचिव गृह प्रगति आख्या हलफनामे पर दाखिल करें। कोर्ट ने इसके साथ ही वर्तमान जनहित याचिका को इसी मामले में पूर्व में अंजली पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका के साथ संबद्ध कर दिया और दोनों याचिकाओं को एक साथ 17 जुलाई को सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी व न्यायमूर्ति गजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने दीक्षा व छह अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याचियों की ओर से कहा गया कि प्रयागराज के थानों में महिला पुलिस कर्मियों के लिए प्रसाधन सामग्री, शुद्ध पेयजल, पंखे, कूड़ेदान, वॉशरूम, टॉयलेट आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं बहाल नहीं हो सकी हैं। यह महिला पुलिस कर्मियों की गरिमा और निजता के खिलाफ है।
जबकि, यूपी सरकार ने प्रदेश के थानों में महिला पुलिस कर्मियों की टॉयलेट सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की बहाली के लिए 94.97 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया था।
सरकारी अधिवक्ता की ओर से कहा कि इसी मामले में पूर्व में अंजलि पांडेय व अन्य बनाम यूपी राज्य व अन्य जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। गृह सचिव द्वारा हलफनामा दाखिल कर इस संबंध में यूपी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी थी। याचियों ने कहा कि गृह सचिव के आश्वासन के बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इस पर खंडपीठ ने अनु सचिव गृह को अगली सुनवाई पर इस मामले में हलफनामे के जरिए प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।