प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन, राष्ट्र प्रथम की प्रतिबद्धता दोहराते हुए रिफॉर्म पर जोर

प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन, राष्ट्र प्रथम की प्रतिबद्धता दोहराते हुए रिफॉर्म पर जोर

प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन, राष्ट्र प्रथम की प्रतिबद्धता दोहराते हुए रिफॉर्म पर जोर

नई दिल्ली, 15 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से देश के नाम अपने संबोधन में राष्ट्र प्रथम की अपनी प्रतिबद्धता को आगे रखते हुए पिछले 10 वर्षों में उनकी सरकार की नीति और उससे प्राप्त उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्राथमिक आवश्यकताओं के लिए काम किया, जिसका लाभ आज वंचित समाज ले रहा है। उनकी सरकार ने राजनीतिक लाभ न देखते हुए भविष्य से जुड़े रिफॉर्म किये। इन्हीं का परिणाम है कि आज ‘माईबाप’ संस्कृति बदली है और सरकार खुद लाभार्थी तक पहुंच रही है।

प्रधानमंत्री ने तीसरी बार उनकी सरकार चुनने के लिए जनता का धन्यवाद दिया और कहा कि वे समाज की शक्ति को लेकर विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत-2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं। इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है, देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं। हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे हैं। गरीब हो, मध्यम वर्ग हो, वंचित हो, हमारे नौजवानों के संकल्प और सपने हों या हमारी बढ़ती हुई शहरी आबादी हो, इन सभी के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का मार्ग चुना। वे आज कह सकते हैं कि रिफार्म का हमारा मार्ग आज ग्रोथ का ब्लूप्रिंट बना हुआ है।