कोरोना मामलों में वृद्धि के बीच प्रधानमंत्री ने की समीक्षा बैठक
जिला स्तर पर पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करें
नई दिल्ली, 09 जनवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देश में कोविड-19 महामारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिये शीर्ष अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से एक उच्च स्तरीय बैठक की। प्रधानमंत्री ने ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण बढ़ रहे कोरोना मामलों में वृद्धि के मद्देनजर तैयारियों पर विशेष ध्यान दिये जाने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और कहा कि मौजूदा कोविड-19 स्थिति पर व्यापक चर्चा हुई। स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और 15 से 18 साल के युवाओं सहित टीकाकरण अभियान की तैयारियों की समीक्षा की गई और कोविड के इतर की स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखना सुनिश्चित किया गया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार उन्होंने बैठक में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक को लेकर चल रही तैयारियों, देश में टीकाकरण अभियान की स्थिति और नए कोविड -19 वेरिएंट ओमिक्रोन और इसके सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रभाव का आकलन किया गया।
बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने वर्तमान में वैश्विक स्तर पर कोरोना मामलों में वृद्धि को लेकर एक रिपोर्ट पेश की।
पीएमओ के अनुसार, प्रधानमंत्री ने जिला स्तर पर पर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से इस संबंध में राज्यों के साथ समन्वय बनाए रखने को कहा है।
पिछले सात दिनों में 15-18 वर्ष की आयु के 31 प्रतिशत किशोरों को पहली खुराक दी जा चुकी है। इस उपलब्धि का उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने मिशन मोड में किशोरों के लिए वैक्सीन अभियान को और तेज करने का आग्रह किया।
विस्तृत चर्चा के बाद, प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि जिन जोन में अधिक मामले पाए जा रहे हैं वहां गहन नियंत्रण और सक्रिय निगरानी जारी रहनी चाहिए। अधिक मामलों वाले राज्यों को आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए मास्क के प्रभावी उपयोग और शारीरिक दूरी के उपायों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों में सर्वोत्तम प्रथाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक बुलाई जाए। उन्होंने वर्तमान में कोविड मामलों का प्रबंधन करते हुए गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी मार्गदर्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए टेलीमेडिसिन का लाभ उठाने की आवश्यकता के बारे में भी बताया।
उन्होंने अब तक कोविड-19 के प्रबंधन में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रदान की गई अथक सेवाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हुए यह सुनिश्चित करने का सुझाव दिया कि स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के लिए एहतियाती खुराक के माध्यम से टीकाकरण कवरेज को भी मिशन मोड में लिया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने जीनोम अनुक्रमण सहित परीक्षण, टीकों और औषधीय हस्तक्षेपों में निरंतर वैज्ञानिक अनुसंधान के महत्व के बारे में भी बताया।
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार सहित स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य संबंधित एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।