एक परिवार एक पीढ़ी नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुधारने के लिए बनाई योजनाएं : प्रधानमंत्री

एक परिवार एक पीढ़ी नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुधारने के लिए बनाई योजनाएं : प्रधानमंत्री

एक परिवार एक पीढ़ी नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुधारने के लिए बनाई योजनाएं : प्रधानमंत्री

वाराणसी/नई दिल्ली, 07 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान 12,100 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 9 वर्षों में केंद्र सरकार ने एक परिवार और एक पीढ़ी के लिए नहीं बल्कि आने वाले पीढ़ियों का भविष्य सुधारने पर ध्यान रखते हुए योजनाएं बनाई हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में भ्रष्ट और नाकाम सरकारें चलाने वाले आज के लाभार्थियों के नाम सुनकर तिलमिला जाते हैं। आजादी के इतने साल बाद लोकतंत्र का लाभ अब सही मायने में सही लोगों तक पहुंच रहा है। भाजपा सरकार में लाभार्थी वर्ग सच्चे सामाजिक न्याय और सच्ची धर्मनिरपेक्षता का उदाहरण बन गए हैं। उत्तर प्रदेश में मुद्रा योजना के ज्यादातर लाभार्थी गरीब दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक परिवार से जुड़े पुरुष एवं महिलाएं उद्यमी हैं। उनकी सरकार में भेदभाव और भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है। अब कमीशन खाने वालों, दलाली करने वालों और घोटाला करने वालों की दुकानें बंद हो गई हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बनारस आकर वे धन्य हो जाते हैं। उन्होंने काशी वासियों की प्रशंसा की और कहा कि बाबा विश्वनाथ के मंदिर को इतना भव्य बना दिया गया है कि यहां आने वाला हर व्यक्ति खुद को गदगद महसूस करता है। यह सब बाबा की कृपा है। काशीवासी इसी तरह से बनारस को संभाले रखें और बाबा के आशीर्वाद से वाराणसी की तेज विकास यात्रा चलती रहेगी। विकास परियोजनाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने काशी की आत्मा बनाए रखते हुए नूतन कायाकल्प का संकल्प लिया है। आज की योजनाएं इसी का विस्तार हैं। इनमें रेल, रोड, पानी, शिक्षा और पर्यटन से जुड़ी परियोजनाएं हैं। घाटों से जुड़ी परियोजनाएं हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गरीब कल्याण और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े बजट में कोई कमी नहीं है। करदाता वही है, सिस्टम वही है, सरकार बदली है, नीयत बदली है तो परिणाम भी बदलते दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-सोन नगर रेलवे लाइन के बीच समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का लोकार्पण किया। 6760 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित, नई लाइन वस्तुओं की तीव्र और कुशल आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री तीन रेलवे लाइनों का भी लोकार्पण किया, जिनका विद्युतीकरण या दोहरीकरण 990 करोड़ से अधिक की लागत से पूरा किया गया है। इनमें शामिल हैं- ग़ाज़ीपुर शहर-औंरिहार रेल लाइन, औंरिहार-जौनपुर रेल लाइन और भटनी-औंरिहार रेल लाइन। ये उत्तर प्रदेश में रेलवे लाइनों के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के पूरा होने का प्रतीक हैं।

प्रधानमंत्री ने एनएच-56 के वाराणसी-जौनपुर खंड की चार-लेन वाली सड़क का भी लोकार्पण किया, जिसे 2,750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पूरा किया गया है। इससे वाराणसी से लखनऊ के बीच यात्रा आसान और तेज हो जाएगी। प्रधानमंत्री द्वारा वाराणसी में जिन विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनमें शामिल हैं - 18 पीडब्ल्यूडी सड़कों का निर्माण और नवीनीकरण; बीएचयू परिसर में अंतरराष्ट्रीय गर्ल्स हॉस्टल भवन का निर्माण; ग्राम करसरा में केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) - व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र; पुलिस स्टेशन सिंधौरा, पीएसी भुल्लनपुर, फायर स्टेशन पिंडरा और सरकारी आवासीय विद्यालय तरसदा में आवासीय भवन और सुविधाएं; आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन भवन; मोहन कटरा से कोनिया घाट तक सीवर लाइन और रमना गांव में आधुनिक सेप्टेज प्रबंधन प्रणाली; 30 दो तरफ वाले बैकलिट एलईडी स्तम्भ; एनडीडीबी मिल्क प्लांट, रामनगर में गाय के गोबर पर आधारित बायो-गैस संयंत्र और दशाश्वमेध घाट पर एक अनूठा तैरता हुआ चेंजिंग रूम जेटी, जो भक्तों को गंगा नदी में स्नान करने की सुविधा प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री चौखंडी, कादीपुर और हरदत्तपुर रेलवे स्टेशनों के पास 3 दो-लेन वाले रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण; व्यासनगर का निर्माण-पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन रेल फ्लाईओवर का निर्माण और 15 पीडब्ल्यूडी सड़कों के निर्माण और नवीनीकरण से जुड़ी परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं को लगभग 780 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत 550 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाली 192 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का भी शिलान्यास किया। इनसे 192 गांवों के 7 लाख लोगों को शुद्ध पेयजल प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के फिर से डिजाइन तैयार करने और इनके पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी। पुनर्विकास किए जाने वाले घाटों में सार्वजनिक सुविधाएं, प्रतीक्षा क्षेत्र, लकड़ी भंडारण, अपशिष्ट निपटान और पर्यावरण के अनुकूल दाह संस्कार की व्यवस्था होगी।

आधारशिला रखी जाने वाली अन्य परियोजनाओं में शामिल हैं - वाराणसी में गंगा नदी तट पर स्थित दशाश्वमेध घाट के तैरते हुए चेंजिंग रूम जेटी की तर्ज पर छह धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्नान घाटों पर तैरते हुए चेंजिंग रूम जेटी का निर्माण और सिपेट परिसर करसरा में छात्रावास निर्माण आदि। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के लाभार्थियों को पीएमस्वनिधि के ऋण, पीएमएवाई ग्रामीण घरों की चाबियां और आयुष्मान भारत कार्ड भी वितरित किए।