महिला हिंसा और बलात्कार की घटनाओं के खिलाफ वाराणसी में 22 अप्रैल को पदयात्रा

– विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने लिया साझा निर्णय

महिला हिंसा और बलात्कार की घटनाओं के खिलाफ वाराणसी में 22 अप्रैल को पदयात्रा

वाराणसी, 17 अप्रैल (हि.स.)। शहर में बढ़ती महिला हिंसा, बलात्कार और सामूहिक बलात्कार की घटनाओं के विरोध में वाराणसी के सामाजिक संगठनों के साथ विभिन्न राजनीतिक दल 22 अप्रैल को पदयात्रा निकालेंगे। यह निर्णय गुरुवार को रामकटोरा स्थित संता भवन में आयोजित बैठक में लिया गया।

बैठक में वक्ताओं ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में आईआईटी की छात्रा के साथ हुए बलात्कार, हुकूलगंज में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म और हाल ही में एक छात्रा के साथ कई दिनों तक चले सामूहिक बलात्कार की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि वाराणसी में अवैध हुक्का बार, नशे के अड्डे और होटलों में अनैतिक गतिविधियां प्रशासन की नाक के नीचे चल रही हैं। वक्ताओं ने कहा कि "बनारसी विरासत, गरिमा और सांस्कृतिक सम्मान को योजनाबद्ध ढंग से नष्ट किया जा रहा है।"

बैठक में यह तय हुआ कि 22 अप्रैल को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई स्मारक से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय (जवाहर नगर) तक विरोध पदयात्रा निकाली जाएगी। इसके साथ ही राज्यपाल और राष्ट्रपति को एक मांग-पत्र भी भेजा जाएगा। इसके उपरांत, शहर की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए एक संयुक्त जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।

बैठक की अध्यक्षता कुंवर सुरेश सिंह ने की। इसमें कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, सीपीएम केंद्रीय समिति सदस्य डॉ. हीरालाल यादव, पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह, कांग्रेस प्रदेश सचिव फसाहत हुसैन, प्रदेश प्रवक्ता संजीव सिंह, राष्ट्रीय जनता दल जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार यादव, सीपीआई संयुक्त सचिव जय शंकर पांडेय, माले नेता मिठाई लाल, सीपीएम राज्य कमेटी सदस्य नंदलाल पटेल, जिला मंत्री अनिल कुमार सिंह, कांग्रेस नेता प्रमोद वर्मा और सामाजिक इंसाफ मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. महफूज आलम आदि ने भागीदारी की।

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