प्रयागराज: राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस पर ऑनलाइन स्वास्थ्य परिचर्चा

कई संस्थानों में आयुर्वेद से हो रहा कैंसर मरीजों का इलाज : प्रो. जीएस तोमर

प्रयागराज: राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस पर ऑनलाइन स्वास्थ्य परिचर्चा

प्रयागराज, 08 नवम्बर । वरिष्ठ चिकित्सक एवं विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष प्रोफेसर जी.एस तोमर ने कहा कि कैंसर आज तेजी से हमारे समाज में पैर पसार रहा है। आज आयुर्वेद में कैंसर मरीजों का विश्वास बढ़ रहा है। देश के कई संस्थानों में आयुर्वेद से कैंसर मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि भारत में लगभग एक मिलियन नए मामले हर वर्ष सामने आ रहे हैं। अनुमान है कि भारत में हर 8 मिनट में एक महिला सर्वाइकल कैंसर से मर जाती है। पुरुषों में मुंह, फेफड़ों के कैंसर की वजह से 25 प्रतिशत मौत हो जाती है। किसी भी मरीज को कोई भी बीमारी हो तो वह शुरू में ही उसका इलाज करवाए, नहीं तो धीरे-धीरे वही बीमारी गम्भीर रूप धारण कर कैंसर जैसे घातक रोगों में तब्दील हो जाती है। डॉ. तोमर ने लोगों को तंबाकू के सेवन से दूर रहने के लिए कई टिप्स दिए। उन्होंने सौंफ, धनिया, काली मिर्च, छोटी पीपल, दालचीनी, छोटी-बड़ी इलायची, लौंग आदि से निर्मित हर्बल गुटखे के विषय में जानकारी दी।

महिलाओं में स्तन कैंसर तेजी से बढ़ रहा है : डॉ. शान्ति चौधरी

किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं आरोग्य भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. एमएलबी भट्ट ने कैंसर के प्रमुख कारणों में तंबाकू या गुटखे का सेवन, सिगरेट और शराब पीना, लंबे समय तक रेडिएशन के सम्पर्क में रहना, आनुवंशिक दोष, शारीरिक निष्क्रियता, खराब पोषण, मोटापा को प्रमुख रूप से बताया। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की पूर्व रिसर्च अधिकारी डॉ. शांति चौधरी ने कहा कि नई पीढ़ी में सिगरेट, तम्बाकू का सेवन बढ़ रहा है। बच्चों के अभिभावक एवं शिक्षकों को इसे गम्भीरता से लेना चाहिए और बच्चों में पड़ने वाली इस घातक लत से बचाना चाहिए। उन्होंने सर्वाइकल एवं ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में महिलाओं में स्तन कैंसर तेजी से बढ़ रहा है और यह भारत में सबसे आम कैंसर है। इसके प्रबंधन और उपचार के लिए शुरुआती पहचान जरूरी है। अज्ञानता, भय और सामाजिक कलंक के कारण कई महिलाएं स्टेज 3 या 4 कैंसर से पीड़ित होती हैं। जिसके लिए सर्जरी और व्यापक उपचार की आवश्यकता होती है।

गाय के घी से बने जात्यादि घृत एवं गोमूत्र कैंसर चिकित्सा में प्रभावीः डॉ. भार्गव

शासकीय अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज इंदौर के शल्य चिकित्सक डॉ. अखिलेश भार्गव ने बताया कि आयुर्वेदिक दवाओं जैसे जैविक हल्दी, तुलसी, सदाबहार, गुग्गुल, शिलाजीत, पुनर्नवा, सहजन एवं अनेक औषधियों द्वारा कैंसर का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि चिकित्सालय में गाय के घी से बने जात्यादि घृत एवं गोमूत्र कैंसर चिकित्सा में प्रभावी है। गोमूत्र से बनी हर्बल दवा किमोथेरेपी की तरह काम करती है। गोमूत्र कैंसर की गांठ को कम करने के साथ ही कैंसर सेल को मारने का काम भी करता है।

आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. अवनीश पाण्डेय ने बताया कि पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पहली बार नवम्बर 2014 में राष्ट्रीय कैंसर दिवस की घोषणा की थी। वैज्ञानिक मैडम क्यूरी की जयंती के अवसर पर सात नवम्बर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। मैरी क्यूरी को रेडियम और पोलो नियम की खोज और कैंसर के खिलाफ लड़ाई में उनके बड़े योगदान के लिए याद किया जाता है। उनके काम से कैंसर के इलाज के लिए परमाणु ऊर्जा और रेडियोथैरेपी का विकास हुआ। उन्होंने कैंसर का शीघ्र पता लगाने और समय पर उपचार के लिए जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी। उक्त जानकारी डॉ. शान्ति चौधरी ने दी।