डाला छठ पर्व पर दूसरे दिन महिलाओं ने रखा खरना व्रत, शुरू हुआ 36 घंटे का निराजल व्रत

डाला छठ पर्व पर दूसरे दिन महिलाओं ने रखा खरना व्रत, शुरू हुआ 36 घंटे का निराजल व्रत

डाला छठ पर्व पर दूसरे दिन महिलाओं ने रखा खरना व्रत, शुरू हुआ 36 घंटे का निराजल व्रत

18 नवम्बर । सूर्योपासना के चार दिवसीय महापर्व डाला छठ में दूसरे दिन शनिवार को व्रती महिलाओं ने खरना का व्रत रखा। भोर से इस व्रत की शुरुआत हुई। दिनभर निर्जला उपवास रखने के बाद व्रती महिलाओं ने परिजनों के साथ शाम को स्नान के बाद छठी मइया की पूजा विधि-विधान से की। छठी मइया को रसियाव, खीर, शुद्ध घी लगी रोटी, अरवा चावल, गुड़ और दूध मिश्रित बखीर, केला का भोग लगाया। इसके बाद इस भोग को स्वयं खरना करने के बाद परिजनों में प्रसाद स्वरूप बांटा।

खरना के बाद व्रती महिलाओं ने घर और शुभचिंतक परिवार की सुहागिनों की मांग भर उन्हें सदा सुहागन रहने का आशीष दिया। इसके साथ ही व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निराजल कठिन व्रत शुरू हो गया। व्रती महिलाएं रविवार शाम छठ मइया की गीत गाते हुए सिर पर पूजा की देउरी रख गाजे बाजे के साथ सरोवर, नदी गंगा तट पर जाएगी और समूह में छठ मइया की कथा सुन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर घर लौटेंगी।

सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का पारण करेंगी। पर्व पर वेदी को सजाने का कार्य भी परिजनों ने पूरा कर लिया है। तीसरे दिन संध्या अर्घ्य के समय भगवान भाष्कर को विशेष प्रकार का पकवान “ठेकुवा” और मौसमी फल चढ़ाया जायेगा।