एम. वेंकैया नायडू बोले- 144 वर्षों में एक बार आता है महाकुम्भ जैसा पवित्र अवसर

-पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सपरिवार त्रिवेणी में लगाई डुबकी

एम. वेंकैया नायडू बोले- 144 वर्षों में एक बार आता है महाकुम्भ जैसा पवित्र अवसर

महाकुम्भनगर, 18 फरवरी (हि.स.)। महाकुम्भ-2025 के अंतर्गत पूरी दुनिया से स्नानार्थियों व सैलानियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। इस क्रम में, मंगलवार को पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भी सपरिवार त्रिवेणी संगम में स्नान व पूजन-अर्चन करके इस अलौकिक अनुभव को जीवनभर स्मृतियों में कैद रहने वाला अनुभव बताया। नायडू परिवार के साथ प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से वीआईपी घाट से त्रिवेणी संगम जाकर आस्था की पवित्र डुबकी लगाई। वेंकैया नायडू ने कहा कि महाकुम्भ 144 वर्षों में एक बार आने वाला महा अवसर है और इस अवसर पर वह प्रयागराज की धरती पर आकर परिवार समेत डुबकी लगाकर धन्य हो गए।

उन्होंने विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पुलिस व स्थानीय प्रशासन के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि इतने बड़े महा आयोजन में कमियां निकालने के बजाय प्रशासन की हर संभव तरीके से मदद करनी चाहिए। प्रशासन के प्रयासों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने महाकुम्भ में अभूतपूर्व तैयारियां की हैं जिसकी प्रशंसा होनी चाहिए।

नदियों को बताया जीवन ऊर्जा का प्रवाह

नदियों के संरक्षण की अपील करते हुए नायडू ने कहा कि वर्षों से नदियों किनारे इस प्रकार के आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत आयोजन होने के पीछे एक कारण है। उनके अनुसार, हमारी नदियां केवल जलधारा नहीं बल्कि जीवित नदियां हैं जिनके माध्यम से जीवन ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसे अविरल, निर्मल और किसी प्रकार की गंदगी, अशुद्धि और अतिक्रमण से बचाना सभी का कर्तव्य है जिसके लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा।

महान व पवित्र आयोजन का हिस्सा बनने के लिए आभारी

पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने त्रिवेणी संगम में स्नान को लेकर कहा कि यह एक बहुत महान अवसर है, पवित्र अवसर है। उन्होंने कहा कि 144 वर्षों में एक बार होने वाला यह महाकुम्भ एक महान आयोजन और पवित्र आयोजन है। उन्होंने कहा कि मैं बहुत आभारी हूं कि मैं अपने परिवार, अपने बच्चों के साथ यहां आ सका और इस महाकुम्भ के दौरान पवित्र स्नान कर सका। उन्होंने कहा कि तीर्थराज प्रयागराज की सकारात्मक ऊर्जा को सपरिवार अनुभूत करते हुए खुद में साकार होते देखने का अनुभव जीवन का सबसे यादगार अनुभव बन गया।