हिन्दुस्तानी एकेडेमी में 22 से 24 जुलाई तक चलेगी भाषा संसद

हिन्दी भाषा के संवर्धन के लिये कई प्रस्तावों पर होगी चर्चा

हिन्दुस्तानी एकेडेमी में 22 से 24 जुलाई तक चलेगी भाषा संसद

प्रयागराज, 21 जुलाई । भारतवर्ष की समस्त भाषाओं एवं बोलियों को एक माला में पिरोने के उद्देश्य से हिन्दुस्तानी एकेडेमी में तीन दिवसीय भाषा संसद का आयोजन किया जायेगा।

यह कार्यक्रम हिन्दुस्तानी एकेडमी एवं नया परिमल प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में 22 से 24 जुलाई तक हिन्दुस्तानी एकेडेमी स्थित गांधी सभागार एवं हिन्दी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सभागार में किया जायेगा।

यह जानकारी एकेडेमी के सचिव एवं भाषा संसद के सयोजक देवेन्द्र प्रताप सिंह ने देते हुए बताया कि जहां भाषा खत्म होती है, वहां संस्कृति भी उसके साथ दम तोड़ देती है। ऐसे में सभी भाषाओं को महत्व देना उन्हें समझना हमारे समय और समाज की मांग है। हिन्दुस्तानी एकेडेमी एवं नया परिमल इसी समन्वय की मांग की पूर्ति स्वरूप भाषा संसद का आयोजन कर रही है। हिन्दी अनेकानेक भाषाओं बोलियों का सांस्कृतिक समुच्चय है, साथ ही इसके विकास में अन्य समृद्ध भाषाओं के अवदान की भूमिका रही है।

उन्होंने कहा भारत की विभिन्न भाषाएं हमारी सांस्कृतिक सामाजिक एकता की महत्वपूर्ण कारक हैं। भाषा का सम्बंध इतिहास संस्कृति और परम्परा से है। इस परम्परा को समृद्ध करना भाषा संसद का मूल उद्देश्य है।

भाषा संसद के सह संयोजक डॉ विनम्रसेन सिंह ने कहा कि ‘भाषा अनेक भाव एक’ ध्येय वाक्य को और अधिक पुष्ट करने की भावना के साथ भाषा संसद का स्वरूप गठित किया गया। परिणाम मूलक प्राप्ति के लिए यह राष्ट्रीय भाषा संसद आयोजित किया जा रहा है। निश्चित ही इसके निष्कर्ष सुफल देंगे और विद्वान लेखकों, संवादकारों और विशेषज्ञों के विचारों से समकालीन पीढ़ी एवं विद्यार्थी गणों का मार्गदर्शन होगा।



एकेडेमी सचिव ने बताया कि भाषा संसद के प्रथम दिवस 22 जुलाई को सत्र की अध्यक्षता डॉ उदय प्रताप सिंह पूर्व अध्यक्ष हिन्दुस्तानी एकेडेमी उप्र एवं मुख्य अतिथि प्रो. कुमुद शर्मा (नई दिल्ली) तथा विशिष्ट अतिथि ब्रह्मदेव (निदेशक उच्च शिक्षा निदेशालय, उप्र) होंगे। कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता प्रो. सुनील कुलकर्णी (आगरा) एवं अध्यक्षता प्रो. संतोष कुमार शुक्ला (नई दिल्ली) एवं अतिथि वक्ता प्रो. राजश्री शुक्ला (कोलकाता), प्रो0 त्रिभुवन नाथ शुक्ल (जबलपुर), डॉ सत्येंद्र प्रताप सिंह (नई दिल्ली), डॉ संत प्रकाश तिवारी (प्रयागराज) एवं सूत्रधार डॉ अमरेंद्र त्रिपाठी द्वारा किया जाएगा।