भ्रमण के लिए कोरियन दल सारनाथ पहुंचा, करेंगे पूजन अर्चन
भारत और दक्षिण कोरिया संबंध के 50 वर्ष पूरा होने पर बौद्ध भिक्षु पैदल तीर्थ यात्रा कर रहे
वाराणसी,10 फरवरी, भारत और दक्षिण कोरिया के बेहतर संबंध के 50 वर्ष पूरा होने पर कोरिया गणराज्य के 108 बौद्ध शुक्रवार शाम वाराणसी पहुंचे। बौद्ध तीर्थयात्री 43 दिनों की तीर्थ यात्रा पर 1100 किलोमीटर से अधिक की पैदल यात्रा कर रहे हैं। इसी क्रम में बौद्ध भिक्षु वाराएासी आये । दल ने सांयकाल ही भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में धमेख स्तूप व चौखण्डी स्तूप का भ्रमण किया । शनिवार सुबह दल के सदस्य मुख्य पूजा में भाग लेंगे।
108 बौद्ध भिक्षुओें का दल सारनाथ से बौद्ध परिपथ के रूप में श्रावस्ती तक समस्त बौद्ध स्थलों तक पैदल यात्रा करेगा। इस यात्रा की शुरुआत 11 फरवरी को सुबह सारनाथ के धमेख स्तूप के समक्ष पूजा अर्चना के पश्चात शुरू होगी । जो प्रथम पड़ाव के रूप में रामनगर के मल्टीमॉडल टर्मिनल पर होगी। इसके बाद यह यात्रा आगे बिहार के लिए रवाना होगी।
इस तीर्थयात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग को बढ़ाना है। पर्यटक भारत में उत्तर प्रदेश और बिहार स्थित बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा करेंगे और बाद में नेपाल जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सोच है कि भारत में बौद्ध पर्यटन सर्किट को दुनिया भर में प्रचारित किया जाए। इस सर्किट का उद्देश्य पर्यटकों को भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के बारे में जानने में मदद करना और बुद्ध के जीवनकाल के दौरान उनके पदचिह्नों की खोज करना है। तीर्थयात्रा के दौरान कवर किए जाने वाले स्थलों में बुद्ध के जन्म से लेकर उनके परिनिर्वाण तक का जीवन शामिल है।