कौशांबी को मिलेगी जल्द नई तहसील भरवारी
कौशांबी को मिलेगी जल्द नई तहसील भरवारी
कौशांबी, 3 नवम्बर। जनपद अब तीन तहसीलों वाला जिला नहीं रह जायेगा। जल्द इसके नक्शे में चौथी तहसील "भरवारी" के रूप में उभरकर बाहर आएगा। भरवारी को तहसील बनाने की रूपरेखा पर काम शुरू हो चुका है। अपर जिला अधिकारी कौशाम्बी (वित्त एवं राजस्व) ने पत्र जारी कर सिराथू, मंझनपुर एवं चायल तहसील के उपजिलाधिकारियों से तहसील बनाये जाने की सुस्पष्ट आख्या एक सप्ताह में मांगी है। पत्र मिलते ही उपजिलाधिकारियों ने अपने अधीनस्थ अफसरों से भू-भाग का परिसीमन करने का निर्देश दिया है।
अतीत के आईने में कौशाम्बी 1997 से पहले प्रयागराज जनपद का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन बसपा सरकार में इसे पूर्ण जनपद का दर्जा मिला। तत्कालीन सरकार ने सिराथू मंझनपुर एवं चायल तहसील की 14 लाख आबादी को मिला कर कौशाम्बी के गौरवशाली इतिहास को पल्लवित होने का मौका दिया।
समय की करवट ने जनसख्या में भी वृद्धि देखने को मिली 14 लाख अब 20 लाख की आबादी में बदल गई। जरूरतें और तहसीलों के बीच दूरी होने से भरवारी कस्बे में लोगों को काफी दिक्कत झेलनी पड़ रही थी। ख़ास बात यह है कि भरवारी क़स्बा तीनों तहसीलों के संगम के रूप में है। सिराथू मंझनपुर एवं सिराथू तहसील भरवारी के आम नागरिकों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी करता रहा। पिछले साल भरवारी को नगर पालिका का दर्जा मिलने के बाद उसे तहसील बनाये जाने की मांग उठ रही थी।
आम निवासी दसरथ, सुशील, नरेश आदि बताते हैं कि वह रहते तो हैं चायल तहसील में, उनका व्यापार सिराथू तहसील में है और माल का गोडाउन मंझनपुर तहसील में है। जिसकी परिधि घर से महज एक किलोमीटर दूरी भी नहीं है। ऐसे में उन्हें काफी खुशी है, भरवारी नई तहसील बनेगी।
एडीएम (वित् एवं राजस्व) जय चंद्र पांडेय ने बताया कि आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद लखनऊ के पत्र के क्रम में आदेश के अनुपालन में उपजिलाधिकारियों को पत्र भेज कर भरवारी को तहसील बनाये जाने की आख्या मांगी गई है। राजस्व टीम द्वारा सिराथू मंझनपुर एवं सिराथू तहसीलों के भू-भाग का परिसीमन कर नई तहसील के रूप में भरवारी का सृजन किया जायेगा।